भारत और पाकिस्तान के सीमा पर स्थित जैसलमेर वैसे तो क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रदेश का सबसे बड़ा राज्य है। लेकिन बरसात के मौसम में अक्सर यहां स्थित सूदूर इलाकों की बस्तियों में सांप निकलने लगते हैं और इस कारण यहां सांपों के काटने की घटनाएं भी बढ़ने लगती है। तो वहीं इन खतरनाक जीवों से बचने के लिए ग्रामीण इलाकों के लोग कुछ जरुरी उपाय करते हैं या फिर कभी-कभी इन सांपों को मार भी देते हैं।
सांपों की ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए यहां जैन परिवार में जन्मे मुन्ना को अक्सर लोग इन खतरनाक सांपों के साथ आए दिन देखते हैं। इतना ही नहीं जैसलरमेर शहर में जब कभी सांप निकलता है, तो उस वक्त लोगों की जुबान पर बस मुन्ना का ही नाम आता है। और इसी तरह तरह धीरे-धीरे मुन्ना पूरे शहर में मुन्ना भाई सांप वाला के नाम से मशहूर हो गया।
मुन्ना के मुताबिक वो इन खतरनाक सांपों को पहले पकड़ता है और पिर इन्हें दूर दराज के निर्जन स्थानों पर ले जाकर छोड़ देता है। मुन्ना का कहना कि जब वह छोटा था तब सांपों का खेल देखता था, और उसी समय से उसे सांपों को पकड़ना अच्छा लगता है। अपने स्कूल के दिनों में जब कभी वह स्कूल परिसर में सांप देखता तो उसे पकड़ कर कहीं दूर छोड़ आता। क्योंकि उसे डर रहता था कि कहीं लोग सांप को मार नहीं दें।
मुन्ना के मुताबिक, सांपों को पकड़ने के दौरान अभी तक चार बार उसे सांपों ने काटा है। बावजूद इसके वह सांपों से लोगों को बचाना चाहता है और साथ ही साथ सांपों की जिंदगियां लोगों से बचाने के लिए उसे किसी तरह का डर नहीं लगता है। मुन्ना का मानना है कि जैसे दुनिया से डायनासोर विलुप्त हो गए वैसे ही अगर इनको बचाया नहीं गया तो ये जीव भी एक दिन विलुप्त हो जाएंगे। ऐसे में उसने बीड़ा उठाया कि वो इन सांपों को मरने नहीं देगा। और इसके लिए वो अपनी पूरे दिल से कोशिश करता है।