अस्पताल अधीक्षक डॉ. लता राजोरिया ने बताया कि दोनों पक्षों के सभी लोगों के बयान लिए जाएंगे। उसके आधार पर और अन्य दस्तावेजों व जांच के आधार पर कमेटी रिपोर्ट तैयार करेगी।
ये था मामला गौरतलब है कि जनाना अस्पताल में 10 जुलाई को माचवा निवासी रमा देवी के प्रसव हुआ था। इसके बाद उसे एक शिशु ( लड़का ) दिया गया। परिजनों व उनके साथ पहुंचे स्वयंसेवी संस्थाओं का आरोप था कि उन्हें जन्म से पहले हुई सोनोग्राफी में जुड़वा बच्चे बताए गए थे। इनमे से एक सोनोग्रापफी निजी जांच केन्द्र और एक जनाना अस्प्ताल में हुई थी। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया था कि जब दूसरे बच्चे के बारे में उन्होंने पूछा तो उन्हें बताया गया कि कोख में दोनों बच्चों ने आपस में झगड़ा किया, जिसमें से एक मर गया और उसे नाली में फेंक दिया।
प्रसूता व अन्य प्रतिनिधियों का कहना था कि पूरा मामला सामने आते ही अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे उसके प्रसव से संबंधित जांच रिपोर्ट और अन्य दस्तावेज नहीं दिए। इतना ही नहीं ऑपरेशन से प्रसव होने के बावजूद उसे अस्पताल से डिस्चार्ज करने की तैयारी भी कर ली गई।