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जयपुर

सागर से मोती चुनकर लाती जापानी ‘एमा’

ज्यादातर एमा, जापान के मी प्रिफेक्चर में इसे-शिमा क्षेत्र में रहती हैं। यह क्षेत्र अपने समृद्ध पानी के लिए जाना जाता है। यहां पर 650 से अधिक एमा हैं, जो कि जापान में सबसे अधिक है।

जयपुरMar 04, 2020 / 12:21 pm

Kiran Kaur

सागर से मोती चुनकर लाती जापानी 'एमा'

सागर से मोती चुनकर लाती जापानी ‘एमा’

जापान में ‘एमा’ सी वुमन हैं, जो कि समुद्र की तलहटी से सीफूड, सीवीड और पर्ल लाने का काम करती हैं। ज्यादातर एमा महिलाएं ही होती हैं और 70, 80 व 90 साल तक की उम्र तक भी काम करती रहती हैं। जापान में आठवीं सदी से चली आ रही फ्रीडाइविंग की यह प्रथा पूरी दुनिया में एमा काफी मशहूर हैं। जापानी शब्द एमा का अर्थ होता है ‘सी वुमन’ यानी समुद्री महिला। ए मा 2,000 से 3,000 वर्षों से जापानी समुद्र से मोती चुनने का काम कर रही हैं। 8वीं शताब्दी के कविता संग्रह : द मैन योशू में इसका उल्लेख मिलता है। ऐतिहासिक रूप से महिलाओं को एमा के लिए फिट माना जाता था क्योंकि उनका फैट उन्हें समुद्री जल के ठंडे तापमान को सहन में मदद करता है, जिससे उन्हें गोता लगाने में आसानी होती है। आमतौर पर जापानी लड़कियां 12 वर्ष की आयु से ही अपने परिवार के अनुभवी सदस्यों के साथ प्रशिक्षण शुरू कर देती हैं और तब तक गोता लगाती हैं जब तक कि वे 70-80 साल की नहीं हो जातीं। व र्ष 1893 में कोकिचो मिकिमोतो, मोतियों की खेती करने वाला पहला व्यक्ति था और उसकी मुलाकात एमा से तब हुई जब वह सीप खरीदने के लिए उनसे मिले। ज्यादातर एमा, जापान के मी प्रिफेक्चर में इसे-शिमा क्षेत्र में रहती हैं। यह क्षेत्र अपने समृद्ध पानी के लिए जाना जाता है। यहां पर 650 से अधिक एमा हैं, जो कि जापान में सबसे अधिक है। टोक्यो और क्योटो के कई हिस्सों में एमा पर्यटकों को भी टूर कराने का काम करती हैं, जिससे विदेशों से आने वाले टूरिस्ट की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। वर्ष 2018 में यहां पर नौ हजार से अधिक पर्यटकों ने विजिट किया, जिसमें से 24 फीसदी विदेशी थे। इस तरह की गोताखोरी से एमा के फेफड़े काफी मजबूत होते हैं। जापान के कई ऐसे इलाके हैं, जहां पर महिलाएं दिन में दो बार गोता लगाती हैं लेकिन कई हिस्सों में केवल एक बार और हफ्ते में एक दिन का अवकाश होता है। हालांकि मछली पकडऩा एमा की जिंदगी का एक मुख्य हिस्सा है। उन्हें कीमती पत्थरों को खोजने के लिए भी जाना जाता है।

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