नाम ही बदल दिया
ऊषा विहार के सामने द्रव्यवती नदी को पार कर बिस्ठल नगर कॉलोनी है। दोनों खसरों का आंशिक हिस्सा ऊषा नगर की ओर है। बिस्ठल नगर की ओर दोनों खसरों का अधिकतर हिस्सा बहाव क्षेत्र में आता है। बहाव क्षेत्र में आने से निर्माण संभव नहीं है। पहले भी इन दोनों खसरा वाली जगह पर कार्रवाई तक जेडीए ने की थी। जेडीए अधिकारियों ने खास को फायदा पहुंचान के लिए भूमि का वर्गीकरण खातली से गैर-मुमकिन में बदल दिया।
ऊषा विहार के सामने द्रव्यवती नदी को पार कर बिस्ठल नगर कॉलोनी है। दोनों खसरों का आंशिक हिस्सा ऊषा नगर की ओर है। बिस्ठल नगर की ओर दोनों खसरों का अधिकतर हिस्सा बहाव क्षेत्र में आता है। बहाव क्षेत्र में आने से निर्माण संभव नहीं है। पहले भी इन दोनों खसरा वाली जगह पर कार्रवाई तक जेडीए ने की थी। जेडीए अधिकारियों ने खास को फायदा पहुंचान के लिए भूमि का वर्गीकरण खातली से गैर-मुमकिन में बदल दिया।
साल भर बाद आदेश की पालना
जेडीए अधिकारी 18 अगस्त 2017 को संयुक्त शासन सचिव, प्रथम द्वारा जेडीए सचिव को भेजे गए पत्र को दिखाकर कार्रवाई कर रहे हैं। इसमें दोनों खसरा से अतिक्रमण की भूमि को हटाने की बात कही है। साथ ही इस पत्र के बिंदु दो में खिला है कि प्रार्थी शिवनानी की खाली कराई गई भूमि को प्राधिकरण प्रार्थी को सौंपे। इस पत्र में प्रार्थी को पट्टा जारी करने की बात भी कही गई है।
जेडीए अधिकारी 18 अगस्त 2017 को संयुक्त शासन सचिव, प्रथम द्वारा जेडीए सचिव को भेजे गए पत्र को दिखाकर कार्रवाई कर रहे हैं। इसमें दोनों खसरा से अतिक्रमण की भूमि को हटाने की बात कही है। साथ ही इस पत्र के बिंदु दो में खिला है कि प्रार्थी शिवनानी की खाली कराई गई भूमि को प्राधिकरण प्रार्थी को सौंपे। इस पत्र में प्रार्थी को पट्टा जारी करने की बात भी कही गई है।
द्रव्यवती नदी के लिए अब कोई जमीन नहीं ली जा रही है। यह मामला मेरी जानकारी में नहीं है। यदि ऐसी कोई दिक्कत है तो उसका जल्द समाधान करवाता हूं।
—वैभव गालरिया, जेडीसी
—वैभव गालरिया, जेडीसी