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जयपुर

JEE Advance Result- ऑल इंडिया टॉपर रहे मृदुल, रचा इतिहास

JEE Advance Result-देश की टॉप 23 आईआईटीज की 16 हजार सीटों पर एडमिशन के लिए आयोजित की गई संयुक्त प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस 2021 में जयपुर के मृदुल अग्रवाल ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने न केवल ऑल इंडिया में टॉप किया है बल्कि 360 में से 348 अंकों के साथ 96.66 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं जो आईआईटी.जेईई प्रवेश परीक्षा में अब तक का सर्वोच्च स्कोर है।

जयपुरOct 15, 2021 / 07:54 pm

Rakhi Hajela

JEE Advance Result- ऑल इंडिया टॉपर रहे मृदुल, रचा इतिहास

JEE Advance Result- ऑल इंडिया टॉपर रहे मृदुल, रचा इतिहास


जेईई एडवांस के नतीजे घोषित

जेईई में अब तक का सबसे अधिक स्कोर हासिल किया मृदुल अग्रवाल ने
360 में से 348 अंक किए हासिल
जयपुर।
देश की टॉप 23 आईआईटीज की 16 हजार सीटों पर एडमिशन के लिए आयोजित की गई संयुक्त प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस 2021 में जयपुर के मृदुल अग्रवाल ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने न केवल ऑल इंडिया में टॉप किया है बल्कि 360 में से 348 अंकों के साथ 96.66 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं जो आईआईटी.जेईई प्रवेश परीक्षा में अब तक का सर्वोच्च स्कोर है। यह 2011 के बाद से जेईई एडवांस परीक्षा में किसी छात्र द्वारा बनाए गए उच्चतम स्कोर है। पिछले एक दशक में, उच्चतम 96 फीसदी रहा है, जो वर्ष 2012 में था जब टॉपर ने कुल 401 में से 385 स्कोर किया था। 2020 में जेईई एडवंास परीक्षा परीक्षा 396 अंकों की थी और उच्चतम अंक 352 थे, जो लगभग 88.88 प्रतिशत है। गौरतलब है कि आईआईटी खडग़पुर ने 3 अक्तूबर 2021 को जेईई एडवांस 2021 की परीक्षा आयोजित की थी। जेईई एडवांस परीक्षा देशभर के 229 शहरों में परीक्षा हुई थी जिसके लिए तकरीबन 2.50 लाख अभ्यार्थी रजिस्टर्ड थे।
ऑल इंडिया रैंक.1 प्राप्त करने वाला छात्र मृदुल अग्रवाल धुन का पक्का है। मृदुल अग्रवाल ने फरवरी जेईई.मेन के बाद मार्च में भी 100 पर्सेन्टाइल प्राप्त कर चुके हैं हैं। मार्च जेईई.मेन में मृदुल ने 300 में से 300 अंक प्राप्त किए थे।
मोटिवेशन रखें हाई
मृदुल अग्रवाल
ऑल इंडिया रैंक: फस्र्ट
मृदुल का कहना है कि छात्रों को अपनी तैयारी करते समय मोटिवेशन हाई रखना चाहिए। किसी भी विषय की पढ़ाई जबरदस्ती न करें इससे बेहतर होगा कि जिस विषय में मन लगे उसे अच्छे से पढ़े अपनी सफलता को लेकर बेहद खुश मृदुल का कहना है कि पहले टॉपर्स को देखकर लगता था कैसे इतनी अच्छी रैंक हासिल कर पाते हैं लेकिन आज खुद इस मुकाम पर पहुंच कर बेहद खुश हूं। मैंने कभी भी टाइमटेबल बनाकर पढ़ाई नहीं की। हां सुबह उठने के समय सोच लेता था कि आज क्या पढऩा है। कोविड और लॉकडाउन को लेकर उनका कहना है कि इस दौरान भी ऑनलाइन क्लास चलती रही। शुरुआत में परेशानी हुई फिर धीरे धीरे आदत हो गई। वह बताते हैं कि आठवीं क्लास में एक टैलेंट टेस्ट दिया। वहा से स्कॉलरशिप मिली फिर टीचर्स से सपोर्ट मिलने पर अन्य परीक्षाओं में शामिल होने की प्रेरणा मिली। अपने परिवार से बेहद गहराई से जुड़े मृदुल का कहना है कि पिता से मोरल सपोर्ट मिला। वहीं मां घर का सारा शेड्यूल उनकी पढ़ाई के हिसाब से तय करती थी। देश के टेक डवलपमेंट में अपना योगदान देने का सपना देखने वाले मृदुल अपनी कामयाबी में अपनी मां की बड़ी भूमिका मानते हैं। उनका कहना है कि जब भी भी मायूसी होती थी तो मां के पास जाकर बैठ जाता था।
कभी मानसिक रूप से कमजोर पड़ा तो पिता के साथ शेयर किया, पिता भी उनके बात करते थे और एक छोटे इंटरवल के तौर पर कहीं बाहर ले जाते थे।
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देश के लिए देना है योगदान
आदित्य नेमीवाल
ऑल इंडिया रैंक : 29
अगर मुझे भी चयन करना पड़ा कि विदेश में जाकर काम करना है या देश में तो मैं देश में रहकर की काम करना पसंद करूंगा। यह कहना है जेईई एडवांस 2021 परीक्षा में ऑल इंडिया में 29वें रैंक हासिल करने वाले आदित्य नेमिवाल का। आदित्य बताते हैं कि 11वीं कक्षा से ही जेईई की पढ़ाई करना शुरू कर दिया था साथ ही में कोचिंग भी शुरू कर दी, लेकिन तभी कोविड आ गया और लॉकडाउन लग गया। ऐसे में ऑनलाइन क्लास चलती रही इससे पढ़ाई का समय भी ज्यादा मिलने लगा। नोट्स बनाकर अपनी तैयारी की, टारगेट सेट किए और सफलता हासिल की।अपने फ्यूचर प्लान शेयर करते हुए आदित्य कहते हैं कि हायर स्टडीज के मुझे बाहर जाना है लेकिन स्टडी पूरी होने के बाद देश को बेहतर बनाने में अपना योगदान देना है
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मेरा टारगेट कम्प्यूटर साइंस
तेजस कुमार
ऑल इंडिया रैंक : 88
कोविड आया, लॉकडाउन भी लगा लेकिन मुझे इससे कोई परेशानी नहीं हुई। यह कहना है जेईई एडवांस परीक्षा में ऑल इंडिया में 88वां स्थान प्राप्त करने वाले तेजस का। तेजा कहते हैं कि दो साल तक ऑनलाइन तैयारी की उससे पहले 11वीं में ऑफलाइन तैयारी की थी। अब आईआईटी मुंबई से कम्प्यूटर साइंस के लिए एप्लाई करना है। उन्होंने बताया कि उनकी पिता आईआईटी रुड़की से पास आउट हैं औ मां डॉक्टर हैं। संगीत का शौक रखने वाले तेजस इन दिनों संस्कृत सीख रहे हैं। वह कहते हैं कि मैं हायर स्टडीज के बाहर जा सकता हूं लेकिन कॅरियर मुझे इंडिया में भी बनाना है। अपनी सफलता का श्रेय अपने टीचर्स और पैरेंट्स को देते हुए उनका कहना है कि यदि कड़ी मेहनत की जाए जो सफलता मिलनी ही है।
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सफलता के लिए जरूरी है हार्ड वर्क
रजत गोलेछा
ऑल इंडिया रैंक : 100

जैसा मुझे टीचर्स ने पढ़ाया उसे वैसे ही अडॉप्ट करता चला गया तभी मुझे सफलता मिल पाई है। जो टीचर्स पढ़ाते थे उसी उसी दिन रिवाइज करता था और शॉर्ट नोट्स बनाकर पढ़ाई की। इसके साथ ही सप्ताह में रोज 8 से 10 घंटे तक सेल्फ स्टडी करते हुए पढ़ाई पर फोकस किया था। मेरे पिता पंकज गोलेछा बिजनेसमैन हैं, जबकि मां चंचल गोलेछा होम मेकर हैं। रजत कहते हैं मेरा सपना कम्प्यूटर साइंस में आईआईटी करने का है। मुझे म्यूजिक का शौक है लेकिन पढ़ाई के लिए पिछले दो साल से इसे बंद कर रखा था। मेरा दूसरे स्टूडेंट्स से भी यही कहना है कि हार्ड वर्क करेंगे तो सफलता मिलेगी ही। टारगेट सेट करें और उसे अचीव करने की कोशिश में लग जाएं।
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