खुशियां बांटने की जेकेके की पहल ‘कप ऑफ जॉय’
खुशियां बांटने की जेकेके की पहल ‘कप ऑफ जॉय’
खुशियां बांटने की जेकेके की पहल ‘कप ऑफ जॉय’
जयपुर, 3 अप्रेल।
हम सभी में से अधिकतर लोगों के लिए एक कप कॉफी के लिए बाहर जाना एक सोशल रिचुअल की तरह है। सबका एक अपना पसंदीदा कैफे है, जहां वे समय निकालकर जाना और वहां की कॉफी का आनंद लेते हुए गप्पें लड़ाना पसंद करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए कि कॉफी हमारे दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा है और हर किसी को इसका हक है, जवाहर कला केंद्र में ‘कप ऑफ जॉय’ पहल की शुरुआत की गई है। इंडियन कॉफी हाउस 2 कॉफी का भुगतान करके एक ही कॉफी का सेवन करने की इस बेहद खूबसूरत पुरानी परंपरा का समर्थन करता है। जिसमें, दूसरी कॉफी का लाभ अन्य व्यक्ति बाद में मुफ्त में कॉफी पाकर उठा सकता है। ‘कप ऑफ जॉय’ के कैशलेस सिस्टम का उद्घाटन 10 मार्च को कला और संस्कृति मंत्री डॉ. बीडी कल्ला करेंगे। अब कोई भी ‘कप ऑफ जॉय’ के लिए डिजिटल भुगतान कर सकता है और उन्हें इसके लिए एक रसीद भी दी जाएगी।
जेकेके की महानिदेशक मुग्धा सिन्हा ने कहा कि ‘सस्पेंडेड कॉफी’ का यह कॉन्सेप्ट कोई नया नहीं है। यह कॉन्सेप्ट इटली के नेपल्स में आरंभ हुआ था, जहां अगर आप खुशी महसूस करते हैं तो वह खुशी दूसरों के साथ बांटने के लिए आप दो कॉफी खरीदते हैं, एक अपने लिए और किसी अन्य के लिए जो आपके बाद कॉफी पीने के लिए आता है। यह ‘सस्पेंडेड कॉफी’ की परंपरा मानवता और उदारता की भावना को दर्शाती है। यह महामारी के इस कठिन समय के दौरान एकजुटता की भावना का प्रतीक है। किसी अनजान व्यक्ति के लिए एक कॉफी खरीदकर उनके चेहरे पर मुस्कान लाने की यह एक शानदार पहल है। कोई भी इस पहल का लाभ उठा सकता है, इसके लिए कोई पैमाना नहीं होगा और हम किसी से ये भी नहीं पूछेंगे कि उन्हें ये क्यों चाहिए। यह उन सबके लिए है जिन्हें ‘कप ऑफ जॉय’ की जरूरत या चाह है।