राज्य सरकार ने जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो नगर निगम बनाने की घोषणा के साथ निकाय चुनाव छह माह के लिए आगे बढ़ा दिए। बोर्ड का कार्यकाल पिछले साल 25 नवम्बर को पूरा हो गया। पहली बार निगम में प्रशासक की नियुक्ति हुई। पूर्व विधि निदेशक अशोक सिंह ने बताया कि प्रशासक के पास बजट को पारित करने के पूरे अधिकार होते हैं और वे बोर्ड न होने की स्थिति बजट को पारित कर राज्य सरकार को भेज सकते हैं।
गे्रटर नगर निगम: इसकी सीमा में विद्याधर नगर, मालवीय नगर, झोटवाड़ा, सांगानेर और बगरू विस क्षेत्र आते हैं। इनमें से अधिकतर क्षेत्रों में आबादी तेजी से बढ़ रही है।
हैरिटेज नगर निगम: इसमें किशनपोल, हवामहल, आदर्श नगर, सिविल लाइन्स विस क्षेत्र आते हैं। आमेर विस क्षेत्र के तहत आने वाला आमेर कस्बा भी इसी नगर निगम का हिस्सा है।
-1597 करोड़ रुपए का बजट पारित हुआ था 2018-19 में
-1870 करोड़ रुपए का बजट पारित हुआ मौजूदा वित्तीय वर्ष में देहलावास एसटीपी के लिए 50 करोड़ रुपए
26 फरवरी, 2019 को सधारण सभा में 1870 करोड़ रुपए का बजट पारित किया था। बाद में नगर निगम अधिकारियों ने इसमें संशोधन कर दिया और इसको 1528 करोड़ रुपए का कर दिया। वित्तीय सलाहकार महेंद्र मोहन ने बताया कि दिसम्बर, 2019 तक निगम को विभिन्न मदों से 550 करोड़ रुपए की आय हुई। वहीं इन नौ माह में निगम ने विकास कार्यों पर 685 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार से परफॉर्मेंस ग्रांट के रूप में 50 करोड़ रुपए मिले हैं।
28 फ रवरी तक बजट प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजना होता है। ग्रेटर नगर निगम और हैरिटेज नगर निगम का बजट अलग-अलग पारित किया है। उसी के आधार पर दोनों नगर निगमों में विकास कार्य होंगे। क्षेत्र के हिसाब से बजट का भी पूरा ध्यान रखा गया है।
-विजय पाल सिंह, प्रशासक, हैरिटेज और ग्रेटर नगर निगम