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जयपुर

2046 करोड़ रुपए से खींचा शहर के विकास का खाका

पहली बार: सड़कों के निर्माण से लेकर फेज वायर डालने और उद्यानों लिए दोनों नगर निगम का अलग-अलग बजट हुआ पारित

जयपुरFeb 14, 2020 / 05:00 pm

Ashwani Kumar

2046 करोड़ रुपए से खींचा शहर के विकास का खाका

2046 करोड़ रुपए से खींचा शहर के विकास का खाका

जयपुर. राजधानी के विकास के लिए अगले वित्तीय वर्ष में दो हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाएंगे। हैरिटेज नगर निगम और ग्रेटर नगर निगम की ओर से बजट का प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भेज दिया है। शहर के लिए इस बार अब तक का सर्वाधिक 2046 करोड़ रुपए बजट पारित किया गया है। दोनों निगमों के विकास का खाका खींचकर बजट राज्य सरकार को भेज दिया है।
हैरिटेज नगर निगम के लिए 791 करोड़ और ग्रेटर नगर निगम के लिए 1255 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बजट में बनाकर भेजा गया है। पिछले सालों की तुलना में इस बार के बजट में भी लोगों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने पर ज्यादा जोर दिया गया है। इसमें नई सड़कों का निर्माण, स्ट्रीट लाइट और पार्कों को बेहतर बनाने के लिए अधिक धनराशि खर्च की जाएगी। पिछले बजट से तुलना करें तो इस बार 176 करोड़ रुपए ज्यादा होगा। नगर निगम इतिहास में यह पहली बार है जब नगर निगम के पटल पर बजट बिना पारित हुए राज्य सरकार को भेजा गया है।
इसलिए बनी यह स्थिति
राज्य सरकार ने जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो नगर निगम बनाने की घोषणा के साथ निकाय चुनाव छह माह के लिए आगे बढ़ा दिए। बोर्ड का कार्यकाल पिछले साल 25 नवम्बर को पूरा हो गया। पहली बार निगम में प्रशासक की नियुक्ति हुई। पूर्व विधि निदेशक अशोक सिंह ने बताया कि प्रशासक के पास बजट को पारित करने के पूरे अधिकार होते हैं और वे बोर्ड न होने की स्थिति बजट को पारित कर राज्य सरकार को भेज सकते हैं।
ग्रेटर को ज्यादा हैरिटेज को कम
गे्रटर नगर निगम: इसकी सीमा में विद्याधर नगर, मालवीय नगर, झोटवाड़ा, सांगानेर और बगरू विस क्षेत्र आते हैं। इनमें से अधिकतर क्षेत्रों में आबादी तेजी से बढ़ रही है।
हैरिटेज नगर निगम: इसमें किशनपोल, हवामहल, आदर्श नगर, सिविल लाइन्स विस क्षेत्र आते हैं। आमेर विस क्षेत्र के तहत आने वाला आमेर कस्बा भी इसी नगर निगम का हिस्सा है।
साल दर साल बढ़ रहा बजट
-1597 करोड़ रुपए का बजट पारित हुआ था 2018-19 में
-1870 करोड़ रुपए का बजट पारित हुआ मौजूदा वित्तीय वर्ष में

देहलावास एसटीपी के लिए 50 करोड़ रुपए
देहलावास में 62-62 एमएलडी के दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लॉन्ट लग हैं। यहां सीवरेज 200 एमएलडी से अधिक आ रहा है। यह सीवरेज आगे जाकर द्रव्यवती नदी में मिलकर पानी को और दूषित कर रहा है। यहां 90 एमएलडी की नई एसपीटी का निर्माण होना है। इसके लिए नगर निगम ने बजट में 50 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है। इसे बनाने में करीब 120 करोड़ रुपए खर्च होंगे। शेष धनराशि अमृत योजना के तहत मिलेगी। पिछले बजट में राज्य सरकार ने यहां पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लॉन्ट लगाने की घोषणा की थी।
आर्थिक स्थिति सुधारने की भी कवायद
26 फरवरी, 2019 को सधारण सभा में 1870 करोड़ रुपए का बजट पारित किया था। बाद में नगर निगम अधिकारियों ने इसमें संशोधन कर दिया और इसको 1528 करोड़ रुपए का कर दिया। वित्तीय सलाहकार महेंद्र मोहन ने बताया कि दिसम्बर, 2019 तक निगम को विभिन्न मदों से 550 करोड़ रुपए की आय हुई। वहीं इन नौ माह में निगम ने विकास कार्यों पर 685 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार से परफॉर्मेंस ग्रांट के रूप में 50 करोड़ रुपए मिले हैं।
वर्जन…
28 फ रवरी तक बजट प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजना होता है। ग्रेटर नगर निगम और हैरिटेज नगर निगम का बजट अलग-अलग पारित किया है। उसी के आधार पर दोनों नगर निगमों में विकास कार्य होंगे। क्षेत्र के हिसाब से बजट का भी पूरा ध्यान रखा गया है।
-विजय पाल सिंह, प्रशासक, हैरिटेज और ग्रेटर नगर निगम
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