-नहीं बनाना चाहिए सांप्रदायिक मुद्दा सीएम गहलोत ने कहा कि मरकज मुद्दे को सांप्रदायिक नहीं बनाया जाना चाहिए, क्योंकि हर भारतीय घातक बीमारी के खिलाफ लड़ाई में एकजुट है। राहुल गांधी ने 12 फरवरी को यह मुद्दा उठाया था और अगर सरकार ने लोगों को भारत आने से रोका होता या हवाईअड्डों पर सही तरीके से जांच की होती, तो वायरस इतना ज्यादा नहीं फैलता।
-सामान्य प्रवृत्ति के मामलों में निलंबित पुलिसकर्मी होंगे बहाल राज्य के पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र सिंह ने मंगलवार को सामान्य प्रवृत्ति के मामलों में गत छह माह से अधिक समय से निलंबित पुलिसकर्मियों को जांच जारी रखते हुए बहाल करने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों के अनुसार एसीबी के मामलों, आपराधिक प्रवृत्ति के मामलों एवं गंभीर प्रवृत्ति के मामलों जैसे कस्टडी डेथ आदि के मामलों में निलंबन की बहाली नहीं होगी। केवल सामान्य प्रवृत्ति के छह माह से अधिक समय से निलंबित पुलिस कांस्टेबल से पुलिस निरीक्षक स्तर तक के पुलिस कर्मियों को ही बहाल किया जा सकेगा।
-सिपाही से निरीक्षक स्तर तक के मामले… प्रदेश के समस्त पुलिस रेंज महानिरीक्षकों, पुलिस आयुक्तों, उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं, जिसमें बताया गया कि वे उनके अधीनस्थ पुलिस कांस्टेबल से निरीक्षक स्तर तक के मामलों में निलंबन की बहाली कर इस बहाली को सक्षम स्तर से अनुमोदित करवा कर मुख्यालय को सूचित करें।
-आयुर्वेद, होम्योपैथी व यूनानी चिकित्सकों की सेवा चिकित्सा विभाग को सौंपी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहितकुमार सिंह ने एक आदेश जारी कर राज्य के समस्त आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा अधिकारी और कंपाउडरों की सेवाएं अग्रिम आदेशों तक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सौंपने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कोविड-19 वायरस को महामारी घोषित करने के बाद उत्पन्न हुए हालात में यह निर्णय लिया गया है। इन विभागों के कार्मिकों की सेवाएं चिकित्सा विभाग में लिए जाने से कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों में मदद मिलेगी।