ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि पहले गुरू और इसके बाद शुक्र अस्त हो जाने के बाद 22 अप्रैल से शादियां और अन्य शुभ काम शुरू हो सकेंगे। 19 जनवरी को गुरु तारा अस्त हो गया। 16 फरवरी के इसके उदय होने के दिन ही शुक्र तारा अस्त हो जाएगा। इस कारण शुभ कामों पर फिर से रोक लग जाएगी। इन ग्रहों की अस्त अवधि में विवाह और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकेंगे। हालांकि 16 फरवरी को ही वसंत पंचमी है जिसे अबूझ मुहूर्त माना जाता पर इस साल इस दिन भी विवाह नहीं किए जा सकते हैं।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर का कहना है कि बहुत जरूरी होने पर ही वसंत पंचमी के अबूझ मुहूर्त में विवाह या अन्य मांगलिक कार्य करना चाहिए। इस दिन सगाई, प्रॉपर्टी की खरीदी-बिक्री, ज्वेलरी, कपड़े आदि चीजों की खरीदी भी की जा सकती है। गुरु और शुक्र की अस्त अवधि में सूतक, नवजात का नामकरण, कथा जैसे मांगलिक कार्य कर सकते हैं पर रहते गृह प्रवेश, नींव पूजा, शिलान्यास या मुंडन संस्कार आदि वर्जित किए गए हैं। दरअसल गुरु और शुक्र के अस्त रहने के दौरान यदि विवाह आदि मांगलिक कार्य किए जाते हैं तो उनका शुभ या सार्थक परिणाम नहीं मिल पाता है।