भारत माता तेरी गाथा
सबसे ऊंची तेरी शान
तेरे आगे शीश झुकाएं
दे तुझको हम सब सम्मान
भारत माता की जय मुझे तन चाहिए न धन चाहिए
बस अमन से भरा ये वतन चाहिए
जब तक जिंदा रहूं इस मात्रभूमि के लिए
और जब मरूं तो तिरंगा कफ़न चाहिए
कुछ नशा मात्रभूमि की शान का है
हम लहराएंगे हर जगह ये तिरंगा
नशा ये हिंदुस्तान की शान का है उनके हौसले का भुगतान क्या करेगा कोई
उनकी शहादत का कर्ज़ देश पर उधार है
आप और हम इस लिए खुशहाल हैं क्योंकि
सीमा पर सैनिक शहादत को तैयार हैं
जिनके कारण ये दिन आता है
वो मां खुशनसीब होती है
बलिदान जिनके बच्चों का
देश के काम आता है मिलते नही जो हक वो लिए जाते हैं
है आजाद हम पर गुलाम किए जाते हैं
उन सिपाहियों को रात-दिन नमन करो
मौत के साए में जो जिए जाते हैं
ये काफी नहीं है वतन पर, यादों को नहीं भुलाना
जो कुर्बान हुए उनके लफ़्ज़ों को आगे बढ़ाना
खुद के लिए नही ज़िन्दगी वतन के लिए लुटाना हम अपने खून से लिखेंगे कहानी ऐ वतन मेरे
करे कुर्बान हंस कर ये जवानी ऐ वतन मेरे
दिली ख्वाइश नहीं कोई मगर ये इल्तजा बस है
हमारे हौसले पा जाये मानी ऐ वतन मेरे
जब आंख बंद हो तो यादें हिन्दुस्तान की हो
हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन
मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो