ढाई करोड़ रुपए की रिश्वत के इस मामले में एसीबी ने आईएएस अशोक सिंघवी सहित कुल आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया था। एसीबी के मुकदमे में सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकी थी। एसीबी के मामले के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोपियों के खिलाफ मनी लॉड्रिंग के मामले में मामला दर्ज कर जांच शुरु की थी। जांच के बाद ईडी ने आठों आरोपियों के खिलाफ मनी लॉड्रिंग के आरोप में कोर्ट में शिकायत पेश की।
कोर्ट ने प्रसंज्ञान के बाद 21 जनवरी,2019 को सभी आरोपियों के गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए। अदालत ने गैर-जमानती वारंट को जमानती वारंट में तब्दील करने की आरोपियों की अर्जी भी खारिज कर दी थी। इसके बाद आरोपियों ने एसीबी वाले मामले में हाजिरी माफी की अर्जी पेश की थी। कई बार आदेश होने के बाद भी जब आरोपी अदालत में पेश नहीं हुए तो ईडी ने अर्जी दायर कर कहा कि एक ओर आरोपी एसीबी केस में हाजिरी माफी मांग रहे हैं दूसरी ओर मनी लॉड्रिंग मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बावजूद पेश नहीं हो रहे हैं।
इस पर शनिवार को अदालत ने आठों आरोपियों की एसीबी वाले केस में जमानत रद्द कर दी थी। आरोपियों ने गैर- जमानती वारंट को जमानती वारंट में नहीं बदलने के मनी लॉड्रिंग कोर्ट के आदेश और प्रसंज्ञान आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है और सोमवार को इन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई थी।