पांच दिन बीतने के बावजूद समर्थन मूल्य पर कोई किसान गेहूं बेचने नहीं पहुंचा। यही स्थिति जिले के अन्य छह स्थानों पर खोले गए खरीद केन्द्रों की है। जबकि गेहूं का समर्थन मूल्य 1525 रुपए निर्धारित है। हालांकि प्रतिदिन जिलेभर से कई किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में गेहूं की बोरियां लेकर मण्डी पहुंच रहे हैं।
भाव एक, फिर झंझट क्यों
मेहंदवास निवासी सीताराम, चेतनपुरा निवासी रामलखन, रामअवतार जांगिड़ आदि ने बताया कि इन दिनों मण्डी में खुले में ही भाव 1525 से 1600 तक मिल रहे हैं। सीधे बोली लगाकर व्यापारियों को बेचते ही जिंस का दाम मिल रहा है। समर्थन मूल्य पर आवश्यक दस्तावेज देने के बावजूद राशि चेक के रूप में बाद में मिल पाती है। विवाह समारोह के चलते इन दिनों किसानों को रुपयों की अधिक आवश्यकता है। ऐसे में समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र का झंझट उठाने की कोशिश करेंगे।
ये दस्तावेज आवश्यक
क्रय-विक्रय सहकारी समिति के जोधराजसिंह ने बताया कि फसल बुवाई की प्रमाणिकता के लिए जमाबंदी, कृषक पासबुक या गिरदावरी में से एक की प्रति लाना आवश्यक है। इसी प्रकार पहचान के लिए मतदाता, राशनकार्ड, जॉबकार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, पासपोर्ट आदि में से एक दस्तावेज भी खरीद केन्द्र पर देना जरूरी है। इन दस्तावेज के बाद ही जिंस की खरीद की जाएगी। इनके नहीं होने पर खरीद नहीं होगी।
नहीं हुई शुरुआत
समर्थन मूल्य पर फिलहाल गेहूं खरीद की शुरुआत नहीं हुई। हालांकि केन्द्र पर तैयारियों पूरी है। टोंक कृषि उपज मण्डी में ही अधिक भाव मिलने से किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने नहीं आ रहे।
बालमुकुन्द, खरीद केन्द्र प्रभारी, कृषि उपज मण्डी टोंक