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जयपुर

विश्वस्तरीय मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब बनेगा किशनगढ़, राजस्थान की बदलेगी तस्वीर

औद्योगिक डवलपमेंट का दायरा बढ़ाने और देश-विदेश की कंपनियों को बुलाने की कोशिश, 250 से 500 एकड़ जमीन की जरूरत, 150 करोड़ से ज्यादा होगा शुरुआती निवेश

जयपुरOct 22, 2021 / 04:15 pm

Amit Vajpayee

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अमित वाजपेयी / जयपुर। राज्य का पहला मल्टी मॉडल लॉजेस्टिक हब (पार्क) किशनगढ़ में बनेगा। केन्द्र सरकार की ओर से सुझाए इस रूट पर राज्य सरकार ने किशनगढ़ को चिन्हित किया है। यहां न केवल वेयर हाउस, बड़े गोदाम, ऑटो मोबाइल कंपनी, पैकेजिंग इण्डस्ट्री, ट्रासंपोर्ट हब होगा, बल्कि लॉजेस्टिक लागत में कमी लाने के लिए वैल्यू ऐडेड सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
औद्योगिक परिदृश्य का दायरा बढ़ाने और देश-विदेश की कंपनियों के लिए एक ही जगह विश्वसतरीय लॉजस्टिक सुविधा का प्लेटफार्म तैयार करने के लिए सरकार ने अब इस तरफ कदम बढ़ाए हैं। इसके लिए 250 से 500 एकड़ जमीन की जरूरत होगी। नगर नियोजन विभाग की ओर से तैयार इस प्रस्ताव पर रीको, उद्योग विभाग, अजमेर विकास प्राधिकरण और अजमेर जिला प्रशासन के बीच मंथन हो चुका है। राज्य सरकार इसका प्रस्ताव केन्द्र को भेजेगी।

हब में इन सेवाओं का होगा दायरा
-निर्यात के लिहाज से औद्योगिक इकाईयां
-मौजूदा औद्योगिक क्षेत्र में वृद्धि
-इंटीग्रेटेड एग्रो, फूड प्रोसेसिंग जोन (बागवानी बाजार के साथ)
-नॉलेज हब, स्किल डवलपमेंट सेंटर
-ऑटोमोबाइल शोरूम यूनिट और प्रदेश का सबसे बड़ा सर्विस सेंटर
-पैकेजिंग इण्डस्ट्री, ट्रांसपोर्टेशन हब, वेयर हाउस, गोदाम
-इंटीग्रेटेड टाउनशिप (आवासीय, संस्थानिक, कॉमर्शियल युक्त)
-एयरपोर्ट का अपग्रेडेशन
-सड़क व रेल नेटर्वक को और ज्यादा सुदृढ़ करना
पीएम गति शक्ति योजना का मिलेगा फायदा
नगर नियोजन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना में इकोनॉमिक ग्रोथ के सेक्टर में मल्टी मॉडल लॉजेस्टिक हब प्रोजेक्ट भी शामिल है। इसलिए अब सरकार संभवतया इसी योजना के तहत केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजेगी। इसमें केन्द्र सरकार की ओर से निर्धारित फंडिंग दी जाएगी।
इसलिए किया चिन्हित…
-दिल्ली-मुंबई नेशनल हाइवे और दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर (डीएमआईसी) रूट पर
-यहां रेल, सड़क और एयरपोर्ट तीनों नेटवर्क की सुविधा
-राजधानी जयपुर से नजदीकी
-गुजरात व मुंबई के बंदरगाहों तक पहुंचने का सीधा रूट
-मेजर लॉजेस्टिक एवं फ्रेट कॉरिडोर
-अजमेर और पुष्कर का धार्मिक व पर्यटन हब
-किशनगढ़ ही मार्बल सिटी के रूप में विकसित
-यहां जमीन की उपलब्धता आसानी से हो सकेगी
बंदरगाहों से दूरी
-कांडला पोर्ट, गुजरात: 742 किमी
-अलंग पोर्ट, गुजरात: 767 किमी
-जेएनपीटी पोर्ट, महाराष्ट्र: 1069 किमी

प्रोजेक्ट के तीन चरण
शुरुआती चरण में निर्धारित जमीन की उपलब्धता, जिसमें सरकार भूमि के अलावा निजी जमीन को लैंड पूलिंग या भूमि अवाप्ति के जरिए लिया जाएगा। दूसरे चरण में चिन्हित एरिया को विकसित करना। यहां पानी, बिजली, कम्यूनिकेशन के साधन, सड़क, सीवरेज सुविधा के साथ बस व ट्रक टर्मिनल का निर्माण सहित अन्य कार्य होंगे। इसके बाद तीसरे चरण में रेल नेटवर्क व एयरपोर्ट का अपग्रेडेशन। इसी दौरान यहां मल्टीनेशनल कंपनियों को लाने की प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी।
किशनगढ़ एक नजर में…
-34.72 प्रतिशत आवासीय
-2.88 प्रतिशत कॉमर्शियल
-18.99 प्रतिशत औद्योगिक
-6.23 प्रतिशत पब्लिक-सेमिपब्लिक
-15.55 प्रतिशत कृषि व वन भूमि
-2.4 प्रतिशत वाटर बॉडी

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