शायद प्रदूषण या जैविक सामग्री की कमी के कारण बेतरतीब जगह से खोदी गई मिट्टी बेहतर काम नहीं करेगी। अच्छी जैविक गुणवत्ता वाली मिट्टी में बीज कहीं अधिक बेहतर तरीके से उगते हैं और उनमें कीड़ों का डर भी कम हो जाता है। प्लास्टिक के बर्तन इन दिनों काफी आम हैं। हालांकि, खराब गुणवत्ता वाला प्लास्टिक वास्तव में हानिकारक साबित हो सकता है। मिट्टी के बर्तन छिद्रपूर्ण होते हैं और नमी अंदर-बाहर जा सकती है।
कीट और पौध-रोग प्रबंधन किचन गार्डन की देखभाल के लिए काफी महत्त्वपूर्ण हैं। इनमें भी जैविक समाधान सबसे अच्छे माने गए हैं क्योंकि वे किसी आम रासायनिक कीटनाशक की तरह हानिकारक नहीं होते। एक अच्छा उदाहरण पाइरेथ्रिन है, जो गुलदाउदी फूलों में पाया जाता है। पाइरेथ्रिन का उपयोग मच्छरों, पिस्सू, मक्खियों, पतंगों, चींटियों आदि को पौधों से दूर रखने के लिए किया जाता है।
खाद
यह तय है कि समय के साथ मिट्टी अपनी खनिज सामग्री खो देगी जिसे फिर से भरने की आवश्यकता है। जैविक उर्वरक बाजार में भी उपलब्ध हो जाते हैं लेकिन अधिक बेहतर होगा कि आप अपनी खाद खुद बनाएं, रसोई के गीले कचरे से आप किचन गार्डन के लिए उपयोगी खाद को तैयार कर सकते हैं। इसके अलावा समय-समय पर मिट्टी की निराई-गुड़ाई भी करते रहें।