विजय के लिए यात्रा करने का शुभ मुहूर्त है विजया दशमी
ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेश शास्त्री के अनुसार, 18 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 29 मिनट तक नवमी रहेगी, इसके बाद दशमी लग जाएगी, जो अगले दिन तक रहेगी। उदय तिथि में दशमी मानने वाले 19 को दशमी मान रहे हैं, जबकि शास्त्रों के अनुसार विजया दशमी श्रवण नक्षत्र में शाम के समय मानी जाती है। श्रवण नक्षत्र 18 अक्टूबर को रात 12.34 बजे तक ही होने से इसी दिन विजया दशमी मनाया जाना श्रेष्ठ है। पं. शास्त्री के अनुसार, विजया दशमी विजय के लिए यात्रा शुरू करने का मुहूर्त है। 19 को शाम 4 बजे यह मुहूर्त श्रवण नक्षत्र के कारण बनता है। जिस दिन दशमी में श्रवण नक्षत्र हो, उसी दिन विजया दशमी मानी जाना चाहिए। भगवान श्रीराम ने इसी मुहूर्त में लंका विजय के लिए प्रस्थान किया था। इस तिथि व नक्षत्र का महत्व विजय यात्रा से है।
पंडित राजकुमार चतुर्वेदी के अनुसार भी 18 अक्टूबर को ही विजया दशमी मनाना उचित है। राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात में 18 को ही विजय दशमी मनाया जाएगा। जबकि बंगाल, बिहार, असम, उड़ीसा, मध्य प्रदेश के कुछ भाग में 19 को विजय दशमी मनाया जाएगा। किसी भी पर्व का निर्णय शास्त्रोक्त विधि से किया जाना चाहिए। बिहार के कुछ पंचांगों में 19 को भी दशमी मानी गई है।