विधायक पानाचंद मेघवाल ने पूछा था 2019 से 2022 तक छात्रों की आत्महत्या के कितने केस हुए और क्या कारण थे? सदन में बताया गया कि 13 आत्महत्याएं हुई हैं। चिंताजनक यह है कि दिसंबर में 4 सुसाइड 10 दिन में हुए। 12 दिसंबर को 12 घंटे के भीतर 3 होनहारों ने खुदकुशी की। कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़ में 4 साल में 53 से 55 बच्चों ने सुसाइड किया। इसमें 99% आत्महत्याएं कोटा में हुई हैं।
आत्महत्या में लड़के आगे
सदन में रखी गई रिपोर्ट के मुताबिक हर 15 आत्महत्या में 2 छात्राएं और 13 छात्र हैं। खुदकुशी करने वालों में 87% लड़के और 13% लड़कियां हैं। खुदकुशी के पीछे टेस्ट में पिछड़ना, माता व पिता की महत्वाकांक्षा, शारीरिक और मानसिक तनाव, आर्थिक तंगी, ब्लैकमेलिंग और प्रेम प्रसंग को कारण माना है।
2 लाख छात्र करते हैं तैयारी
देश भर के मेडिकल और इंजीनियरिंग कालेज में दाखिला लेने के लिए देश भर से आए करीब दो लाख छात्र कोटा में तैयारी करते हैं। किसी भी कोचिंग की सलाना फीस दो लाख रुपए से कम नहीं है। इसके अलावा कमरा और पीजी, खानपान का खर्चा अलग है। कोचिंग संस्थानों में भीड़ के कारण तनाव अलग बढ़ता है।