कटारिया ने कहा कि जिस सरकार ने 50 साल तक किसान के नाम से दुकान चलाई है। 50 साल में क्या किया देश की नजता के सामने है। इसके बाद भी उनकी हिम्मत को दाद देता हूं कि असत्य को सत्य साबित करने की कोशिश की जा रही है। मैं कांग्रेस नेताओं से प्रार्थना करता हूं कि इन अमेडमेंट को ध्यान से पढ़ों फिर एक—एक पर आ जाओ। कटारिया ने कहा कि कांग्रेस ने दो विषयों पर विवाद खड़ा किया। एक तो मंडियां खत्म हो जाएगी। जबकि विधेयक में साफ है कि किसान कहीं भी अपनी फसल को बेच सकेगा वो भी अपनी कीमत पर। अब तक केवल व्यापारी ही अपनी दर पर सामना बेचता था।
राजस्थान में मंडी टैक्स ज्यादा कटारिया ने कहा कि कांग्रेस को दुख इस बात का है कि उनकी कमाई मारी जाएगी। जबकि हकीकत यह है कि पूरे देश में राजस्थान में कई फसलों पर मंडी टैक्स बहुत ज्यादा है। एक क्विंटल अनाज पर 53 रुपए टैक्स देना पड़ता है। सरकार को इसे खत्म करना ही पड़ेगा। बड़ी बात यही है कि व्यापारी यह टैक्स नहीं चुकाता था, बल्कि किसान को अपनी जेब से यह पैसा देना पड़ता है।
कांग्रेस के घोषणा पत्र को हमने पूरा किया कटारिया ने कहा कि कांग्रेस ने 2019 के घोषणा पत्र में भी इन दोनों विधेयकों का उल्लेख किया था। संविदा खेती इन्हीं की सरकार के समय कर्नाटक, मध्य प्रदेश में शुरू हुई इसके बाद महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, उडीसा और तमिलनाडू में इसे आगे बढ़ाया गया है। आप बढ़ाओ तो कानून बहुत अच्छा है। अगर किसान को खेत ही फसल का अच्छा दाम मिल रहा है तो आपको क्या तकलीफ है।
मोदी ने सबसे ज्यादा एमएसपी दी है कटारिया ने चैलेंज किया कि मोदी सरकार ने 50 साल के मिनिमम सपोर्ट प्राइज से भी ज्यादा एमएसपी किसानों को दी है। कटारिया ने किसानों के लिए भैरोसिंह शेखावत सरकार के समय किए गए कार्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने दावा किया कि स्वामीनाथ आयोग की सिफारिशों को मोदी सरकार ने लागू किया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश की 60 से 65 प्रतिशत आबादी के पास पैसा नहीं होगा तो देश का भला नहीं हो सकता।