दरअसल, पूर्ववर्ती सरकार के समय पूरे प्रदेश में केंद्र सरकार के निर्देश पर ईईएसएल कंपनी को एलईडी लाइट लगाने का ठेका दिया गया था। इससे पहले ही जयपुर नगर निगम ने एस्को (ईएससीओ) कंपनी को जयपुर में एलईडी लाइट लगाने का ठेका दे दिया था। इसके बाद दोनों ही कंपनियों ने जयपुर में एलईडी लाइट्स लगाना शुरू कर दिया। एस्को के पास चारदीवारी का काम था, जबकि बाहरी क्षेत्र में ईईएसएल कंपनी के पास पूरा काम था।
पांच और साल सात थी मियाद दोनों कंपनियों के पास पांच और सात साल तक एलईडी लाइट्स लगाने व उसके रखरखाव का काम था। इसी साल ज्यादातर जगहों पर ठेका खत्म हो चुका है। हालांकि कुछ जगहों पर अब भी दोनों कंपनियों की ओर से काम किया जा रहा है।
डीएलबी के आदेश की आड़ इसी दौरान दोनों नगर निगम में कई पार्षदों ने नई लाइट्स की डिमांड रख दी। डीएलबी ने भी दोनों कंपनियों के स्कॉप खत्म होने की वजह से दोनों नगर निगम को नए पॉइंट्स पर एलईडी लाइट लगाने का ठेका करने की अनुमति दे दी। साथ ही जो पॉइंट्स इन कंपनियों के पास नहीं है और वहां लाइट्स खराब हो चुकी है तो वहां भी नई लाइट्स लगाने की छूट दे दी। इसी आदेश के आधार पर दोनों निगम ने यह खेल शुरू कर दिया।
यूं लग रही है शहर में नई एलईडी लाइट्स नगर निगम ग्रेटर —प्रत्येक वार्ड में 100—100 लाइट्स लगाई जा रही हैं —इसके अलावा 6500 अन्य लाइट्स दिवाली तक लगाई जाएंगी —कुल 21 हजार 500 लाइट्स ग्रेटर क्षेत्र में लगेंगी
हैरिटेज नगर निगम —अब तक 6500 लाइट्स लग चुकी हैं —निगम प्रशासन ने करीब 4.25 करोड़ रुपए नए ठेके दिए हैं, जिनका वर्कआॅर्डर देना बाकी है —इसमें 60 प्रतिशत राशि एलईडी लाइट्स लगाने पर खर्च होगी