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जयपुर

विभाग ने फिर छोड़ा भक्तों के भरोसे, उत्सव के लिए राशि में कर रहा कंजूसी

कृष्ण जन्मोत्सव: सरकारी मंदिरों में मिला नाममात्र का बजट

जयपुरSep 03, 2018 / 12:00 pm

Mridula Sharma

jaipur

विभाग ने फिर छोड़ा भक्तों के भरोसे, उत्सव के लिए राशि में कर रहा कंजूसी

जयपुर. छोटी काशी में जन्माष्टमी के मौके पर ट्रस्ट के कृष्ण मंदिरों में जन्मोत्सव और नंदोत्सव की धूम रहती है वहीं सरकारी राधा-कृष्ण मंदिरों में नाममात्र के बजट मिलने के कारण भक्त निराश हैं। शहर में कुल 29 मंदिर देवस्थान विभाग के प्रत्यक्ष प्रभार श्रेणी के मंदिर हैं लेकिन इन मंदिरों में 1000 रुपए, अभिषेक, श्रृंगार और डेकारेशन के लिए और 1 किलो बेसन, घी, बुरा और 500 ग्राम धनिया, लाइट और एक दरी दी जा रही है। वहीं बड़े मंदिरों में यह राशि कई गुना दी जा रही है।
ए श्रेणी के चांदनी चौक स्थित ब्रज निधि मंदिर में विभाग ने 40000 रुपए की राशि मुहैया करवाई गई है। मंदिर से जुड़े कार्यकर्ताओं का कहना है कि विभाग अन्य मंदिरों के मुकाबले कम से कम 10 हजार रुपए तक की राशि तो मुहैया करवाए, ताकि उत्सव को बेहतर ढंग से मनाया जा सके। ऐसे में जन्माष्टमी के दूसरे दिन नंदोत्सव मनाने के लिए भक्तों को भगवान के भरोसे रहना पड़ता है।
मंदिरों में भगवान के लिए पोशाक व अन्य सामानों की व्यवस्था पुजारी को अपने स्तर पर करनी पड़ती है। देवस्थान विभाग के शासन सचिव कृष्णकांत पाठक का कहना है कि हर मंदिर के लिए अलग बजट राशि निश्चित की जाती है। जहां बड़े आयोजन होते हैं उस हिसाब से बजट मुहैया करवाया जाता है। विभाग द्वारा मंदिरों को दिखवाया जाएगा।
घर-घर होगी लड्डू गोपाल की पूजा
जन्माष्टमी पर सोमवार को मंदिरों व घर-घर में श्रीकृष्ण के बाल अवतार लड्डू गोपाल की पूजा होगी। अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र के चलते इस दिन का महत्त्व और बढ़ गया है। विद्वानों की मानें तो ऐसा संयोग ढाई दशक बाद बना है। वज्र योग भी बन रहा है। पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि अष्टमी और सोमवार के संयोग के चलते सोमवार रात 8.04 बजे से सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग शुरू होगा। यह अगले दिन सुबह 6.01 बजे तक रहेगा। पं. राजकुमार चतुर्वेदी ने बताया कि कृष्ण का जन्म वृष लग्न में हुआ, सोमवार को भी वृष लग्न में जन्मेंगे। मंगल-चंद्रमा के उच्च राशि में रहने के साथ सूर्य बुद्धादि योग बन रहा है।
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