mustard oil: सरसों तेल की भांति सभी तेल मिलावट रहित बिके
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ( Rajasthan Foodstuffs Trade Association ) के चेयरमेन बाबूलाल गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर मांग की है कि देश में खाद्य तेल ( edible oil ) कोई सा भी हो सभी तेल मिलावट ( adulteration ) रहित बिके। इसके लिए आवश्यक है कि सरसों तेल में मिलावट रहित पारित कानून के अनुसार ही अन्य तेलों के लिए कानून पारित किया जाए।
सरसों तेल की भांति सभी तेल मिलावट रहित बिके
जयपुर। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमेन बाबूलाल गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर मांग की है कि देश में खाद्य तेल कोई सा भी हो सभी तेल मिलावट रहित बिके। इसके लिए आवश्यक है कि सरसों तेल में मिलावट रहित पारित कानून के अनुसार ही अन्य तेलों के लिए कानून पारित किया जाए।
रिसर्च के अनुसार रिफाइण्ड तेल में 40 से 45 प्रतिशत तक सेचुरेटेड फैट्स की मात्रा पाई जाती है। रिफाइण्ड तेल को अखाद्य तेल बताकर इसका उपयोग नहीं करने का सुझाव देते हैं और कच्ची घाणी तेल ही रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाते हैं। तेल को रिफाइण्ड करने के लिए उच्च तापमान पर इसे गर्म किया जाता है और अखाद्य केमिकल का प्रयोग कर स्वादरहित, रंग रहित तथा गंध रहित बनाया जाता है।
देश में 75 प्रतिशत तेल रिफाइण्ड व क्रूड के रूप में विदेशों से आयात किया जाता है। केन्द्र सरकार के मौजूदा नियमों के अनुसार इस आयातित तेल में थोड़ा-सा कच्ची घाणी तेल मिलाकर इसे सरसों का तेल अथवा अन्य तेल के नाम से विक्रय किया जाता है। गुप्ता ने भारत सरकार से मांग की है कि वे तिलहन का बुवाई क्षेत्र बढ़ाये और इसकी यील्ड अच्छी बैठे, इसके लिए अच्छे बीजों की खोज की जाकर बुवाई की जाए। ताकि पैदावार दोगुनी हो सके और उपभोक्ता को कोल्ड प्रेस्ड ऑयल खाने के लिए उपलब्ध रहे। राजस्थान में भी सरसों की पैदावार दोगुनी की जा सकती है। इससे राजस्थान देश को 30 लाख टन तेल उपलब्ध करा सकेगा।
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