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शराबबंदी को लेकर राजस्थान सरकार उठा सकती है बड़ा कदम, तैयारियां हुई शुरू

Liquor Ban: राजस्थान में शराबबंदी ( Liquor Ban ) को लेकर सीएम अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) बड़ा कदम उठा सकते हैं। बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद राजस्थान सरकार भी इस पर विचार कर रही है। बिहार में शराब बंदी के बदले हालातों को जानने के लिए सीएम गहलोत ने पांच सदस्यों की कमेटी का गठन किया है…

जयपुरDec 10, 2019 / 09:23 am

dinesh

ashok gehlot

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जयपुर। राजस्थान में शराबबंदी ( liquor ban ) को लेकर सीएम अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) बड़ा कदम उठा सकते हैं। बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद राजस्थान सरकार भी इस पर विचार कर रही है। बिहार में शराब बंदी के बदले हालातों को जानने के लिए सीएम गहलोत ने पांच सदस्यों की कमेटी का गठन किया है। सरकार सर्वे कराकर ये पता लगाने की कोशिश करेगी कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद स्थिति पहले की अपेक्षा कितनी बदली है। सामाजिक और आर्थिक परिवेश में क्या बदलाव आए हैं। इसी के साथ कमेटी यह भी देखेगी कि शराब बंदी कैसे लागू की जाए और इससे किस तरह फायदा होगा।
बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद अब राजस्थान में शराबबंदी को लेकर पुरजोर तरीके से आवाज ( Demand Of liquor ban in rajasthan ) उठने लगी है। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से लगातार शराब को बैन करने की मांग आ रही है। कभी शराब से होने वाले नुकसानों को लेकर आम लोग लामबंद हो रहे हैं तो कभी शराब के ठेकों के आसपास शराबियों द्वारा की जाने वाली हरकत से विरोध पैदा हो रहा है। बिहार की तर्ज पर क्या राजस्थान की सरकार करोड़ों की राजस्व आय को दरकिनार कर शराबबंदी को लागू कर पाएगी? ये सवाल बहुत से लोगों के मन में है, लेकिन लोगों की जिंदगियों को दांव पर लगाकर राजस्व अर्जित करते रहना कहां की समझदारी है। हाल ही एक कार्यक्रम के दौरान सीएम गहलोत ने कहा था कि व्यक्तिगत रूप से वह भी शराबबंदी का समर्थन करते हैं।
ग्राउंड रिपोर्ट तय करेगी शराबबंदी
बिहार में शराबबंदी के बाद बदले हालातों का आकलन करने के लिए बनाई गई कमेटी में पांच सदस्यों को चुना गया है। कमेटी का मुखिया आबकारी विभाग के आबकारी अतिरिक्त आयुक्त (नीति) छोगा राम देवासी को बनाया गया है। सीएम गहलोत का मानना है कि गुजरात में शराबबंदी सही तरीके से लागू नहीं की गई, जिसके कारण वहां शराब का अवैध कारोबार होता है। शराबबंदी के कारण गुजरात में हालात सुधरने के बजाय बिगड़े हैं। गुजरात के बजाय बिहार में अधिक सही तरीके से शराबबंदी लागू की गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए सीआर देवासी की अगुवाई में एक कमेटी बनाकर वहां भेजी जा रही है। बिहार की 11 से 16 दिसंबर तक शराबबंदी की ग्राउंड रिपोर्ट तय करेगी कि राजस्थान में शराबबंदी होगी या नहीं। गौरतलब है कि बिहार में 1 अप्रैल 2016 को शराबबंदी लागू की गई थी। जिससे बिहार की सरकार को हर साल 4 हजार करोड़ रूपए राजस्व का नुकसान हो रहा है।
ये जानकारियां जुटाएंगी कमेटी
पांच सदस्यों की कमेटी बिहार में शराब बंदी के बाद सरकार को रेवेन्यू बंद होने से नुकसान, अपराधों में हुई कमी, बिहार के पर्यटन पर पड़े प्रभाव और लोगों के जीवन पर शराब बंदी का क्या असर पड़ा आदि जानकारियां जुटाएंगी। साथ ही कमेटी बिहार पुलिस, आबकारी विभाग के अधिकारी व अन्य संस्थाओं से भी जानकारी जुटाकर रिपोर्ट तैयार करेगी।
हर साल होता है हजारों करोड़ का राजस्व
राजस्थान में हर साल आबकारी विभाग सरकार को हजारों करोड़ रूपए देता है साथ ही इसके टारगेट में हर साल 20 प्रतिशत की वृद्धि भी होती है। अगर ऐसे में राजस्थान में सरकार शराबबंदी करती है तो सरकार की हजारों करोड़ की आय बंद हो जाएगी।

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