बाहर होने वालों ने फिर से हाईकोर्ट में पिटिशन दायर कीं और कोर्ट ने सितंबर 2018 में इन 552 कैंडीडेट को भी सर्विस में रखने के निर्देश दिए। इसके बाद फिर राजेश कुमार लखेरा और चार दूसरे कैंडीडेट कोर्ट पहुंचे और कहा कि नौकरी में बनाए रखे गए 552 कैंडीडेट मैरिट में उनसे नीचे हैं इसलिए उन्हें भी या तो वर्तमान या भविष्य की भर्ती में अपॉइंटमेंट दिलवाया जाए। राजस्थान रोडवेज के एडवोकेट विनायक जोशी ने चीफ जस्टिस एस.रविन्द्र भट्ट और जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की बैंच को बताया कि भर्ती की अब कोई पोस्ट बाकी नहीं बची हैं और जो भी अपॉइंटमेंट दिए हैं वह कोर्ट के आदेश से दिए हैं। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपील खारिज कर दी।