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जयपुर

लॉकडाउन से लड़खड़ाई मनरेगा, 4 लाख से अधिक मजदूर घटे

— कोरोना की दूसरी लहर में रुके थे मनरेगा कार्य, मानसून के चलते भी कम हुए मजदूर
 

जयपुरSep 01, 2021 / 11:24 pm

Pankaj Chaturvedi

लॉकडाउन से लड़खड़ाई मनरेगा, 4 लाख से अधिक मजदूर घटे

लॉकडाउन से लड़खड़ाई मनरेगा, 4 लाख से अधिक मजदूर घटे

जयपुर. कोरोना की दूसरी लहर में मजदूरी पर लगे लॉकडाउन से प्रदेश में मनरेगा लड़खड़ा गई है। बीते साल से तुलना करें तो श्रमिकों के नियोजन में चार लाख से अधिक मजदूरों की कमी हुई है।
अगस्त के अंत में जहां योजना के तहत करीब 21 लाख श्रमिकों मेंं योजना में काम मिल रहा था, वहीं इस साल 2021 में प्रतिदिन श्रमिकों का नियोजन 16 लाख से आसपास रह गया है।
इसके अलावा भी 2020 की तुलना में माह दर माह श्रमिकोंं की संख्या में कमी देखी गई है। इस वर्ष जब कोरोना की दूसरी लहर के दौरान प्रदेश में लॉकडाउन लगा तो 11 से 24 मई तक पहली बार मनरेगा के कार्यों को भी रोक दिया गया था। जबकि पहली लहर के दौरान लॉकडाउन के संकट काल में मनरेगा ही सर्वाधिक रोजगार देने वाली योजना बनी थी। ऐसे में इस साल मई के लॉकडाउन के बाद मनरेगा में श्रमिकों की संख्या लगातार पिछले वर्षों की तुलना में कम होती गई।
मानसून ने भी दिखाया असर

इसी साल में भी तुलना करें तो मई—जून के बजाय मनरेगा श्रमिकों की संख्या कम हो गई है। मई, 2021 में लॉकडाउन से पहले जहां श्रमिकों की करीब 22 लाख से अधिक थी, वहीं अब यह आंकड़ा 16 लाख ही रह गया है। जानकारों का मानना है कि मानसून में खेती—बाड़ी के कामकाज के चलते अगस्त— सितंबर में श्रमिक तुलनात्मक तौर पर कम ही नियोजित होंगे।
कैसे घटे मजदूर

मई 2020 — 39 लाख
जून 2020 — 53 लाख
जुलाई 2020 — 36 लाख
अगस्त 2020— 21 लाख

मई 2021— 22 लाख
जून 2021— 20 लाख
जुलाई 2021— 32 लाख
अगस्त 2021 — 16 लाख
(संबंधित माह में किसी एक दिन का नियोजन)

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