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जयपुर

लॉकडाउन में भी लोगों को गंतव्य तक पहुंचाएंगी रोडवेज बसें

कोरोना वायरस के कारण बेरोजगार होकर बैठे मजदूरों ने शहर से पैदल पलायन शुरू कर दिया है। लॉकडाउन के बीच सड़क पर चल रहे हजारों लोगों की पीड़ा पर अब राजस्थान सरकार का दिल पसीजा है।

जयपुरMar 28, 2020 / 06:52 pm

Chandra Shekhar Pareek

परिवहन मंत्री ने लगवाई रोडवेज बसें
राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि कोरोना के कारण लॉकडाउन की स्थिति के कारण पैदल ही दूसरे जिलों में अपने घरों को लौट रहे लोगों को उनके गंतव्य के लिए बसें उपलब्ध कराई जाएंगी।
हर डिपो पर सैनिटाइज होंगी 20 बसें
खाचरियावास ने रोडवेज को अपने प्रदेशभर के डिपो पर इसके लिए हर समय 20 बसें सैनिटाइज कर तैयार रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण कई मजदूर, कामगार एवं जनसामान्य अकेले या मय परिवार मजबूरी में कई किलोमीटर का सफर कर रहे हैं। इसे देखते हुए यह निर्णय किया गया है।
कलेक्टर की अनुशंसा पर रवाना होंगी बसें
उन्होंने बताया कि डिपो पर तैयार रखीं गईं यह बसें जिला कलेक्टर की अनुशंसा पर रवाना की जाएंगी जो पैदल यात्रा कर रहे लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाएंगी।
आमजन से घरों में ही रहने की अपील
हालांकि परिवहन मंत्री ने सभी से अपील की है कि लॉकडाउन पूरे देश और देशवासियों की सुरक्षा के लिए है। इसलिए केवल अति आवश्यक परिस्थितियों में ही घर से निकलें। सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें और राज्य एवं केंद्र सरकारों के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन करें।
वेंटिलेटर्स, आईसीयू और रैपिड टेस्टिंग किट्स देंगे
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की रोकथाम और नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री ने पर्याप्त संख्या में वेंटीलेटर्स, आईसीयू बैड्स की उपलब्धता बढ़ाने और रैपिड टेस्टिंग किट्स की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
सात विशेषज्ञों की सलाह समिति गठित
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी निपटने के उपायों के संबंध में चिकित्सा विभाग को सलाह देने के लिए 7 विशेषज्ञ चिकित्सकों की एडवाइजरी कमेटी भी बनाई गई है, जो कि हालात के अनुरूप सरकार को विशेषज्ञ सलाह देगी।
मुख्यमंत्री ने लिए इन चिकित्सकों से सुझाव
मुख्यमंत्री ने शनिवार को 7 विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर उनके सुझाव लिए। कमेटी में डॉ. वीरेन्द्र सिंह, डॉ. एमएल गुप्ता, डॉ. पीआर गुप्ता, डॉ. अशोक अग्रवाल, डॉ. एसडी गुप्ता, डॉ. राजाबाबू पंवार और डॉ. सुधीर भंडारी शामिल हैं।
कमेटी देगी अपने शोध और फीडबैक
उन्होंने कहा कि कोरोना की रोकथाम और नियंत्रण के लिए एडवाइजरी कमेटी समय-समय पर अपने शोध और फीडबैक से सरकार को वाकिफ कराती रहेगी। उनके सुझावों के अनुसार चिकित्सकीय सुविधाओं, उपकरण की खरीद आदि पर फैसला लिया जाएगा।
10 हजार आईसीयू और वेंटिलेटर की जरूरत
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि राजस्थान की जनसंख्या को देखते हुए प्रति 10 हजार लोगों पर 2 वेंटिलेटर और 2 आईसीयू बैड की जरूरत होगी। इसके अनुसार राज्य भर में 14 हजार आईसीयू बैड और करीब 10 हजार वेंटिलेटर की जरूरत पड़ेगी।
बिना टेंडर वेंटिलेटर खरीदने के आदेश
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया को इनकी खरीद बिना किसी टेंडर के तुरंत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर पर जितने हो सके उतने वेंटिलेटर्स का अधिग्रहण किया जाए।
संभव होंगी 2 हजार से ज्यादा कोरोना जांचें
डॉ. शर्मा ने बताया कि वर्तमान में एसएमएस अस्पताल में 300 से 400 कोरोना जांच हो रही है और 1300 से 1500 जांच प्रतिदिन की जा सकती है। यहां 3 माइक्रोबायोलॉजी की टीमें लगी हुई है। इसके अलावा महात्मा गांधी हॉस्पिटल में भी 500 जांचें की जा सकती हैं और इसे 1000 तक बढ़ाया जा सकता है। महात्मा गांधी लैब में जांच के लिए आईसीएमआर से शीघ्र अनुमति के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को आग्रह किया है।
जल्द ही आएगी रैपिड टेस्टिंग किट
उन्होंने कहा कि प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा संदिग्धों की कम समय में जांच करने के लिए रैपिड टेस्टिंग किट को काम में लिया जाएगा। इस किट को अमरीका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने एप्रूव किया है। इसमें अल्प समय में ही जांच रिपोर्ट प्राप्त हो जाती है। इस किट का अनुमोदन आईसीएमआर से होना बाकी है। उन्होंने कहा कि इससे हमारी टेस्टिंग फैसेलिटी मजबूत होगी।

कोरोना से बुजुर्गों को ज्यादा खतरा
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि पूरी दुनिया के आंकड़ों पर गौर करें तो कोरोना से संक्रमण की आशंका सर्वाधिक 60 से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों में देखी जा रही है। उन्होंने आमजन से अपील की है कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को भी घर में अलग आइसोलेशन में रखें क्योंकि उनके शरीर की प्रतिरोधी क्षमता कमजोर होती है।
कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में फ्लैगमार्च संभव
डॉ. शर्मा ने कहा कि जयपुर के रामगंज में 2 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, भीलवाड़ा में लगातार आ रहे हैं, ऐसे ही जोधपुर, झुंझुनूं में भी आर्मी को फ्लैग मार्च कराना पड़ा तो वहां भी करवाएंगे। उन्होंने कहा कि जहां भी कोरोना का प्रभाव ज्यादा है, वहां आर्मी और पुलिस दोनों फ्लैग मार्च कर सकती है।

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