लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को लगा झटका
राजस्थान में भी औद्योगिक इकाइयां बंदएजेंसियो ने दी कई दशक पीछे जाने की चेतावनी
लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को लगा झटका
कोरोना का कहर भारत की अर्थव्यवस्था को भारी झटका देने जा रहा है। राजस्थान में भी औद्योगिक इकाइयां बंद होने से आर्थिक मोर्चे पर हालात बिगड़ते जा रहे हैं। एक निजी एजेंसी ने गंभीर चेतावनी दी है कि कोरोना के प्रकोप और लॉकडाउन की वजह से इस वित्त वर्ष यानी 2020—21 में देश के सकल घरेलू उत्पाद में बढ़त दर महज 1.6 फीसदी रह जाएगी।
प्रदेश की बात की जाए तो यहां माइनिंग, इंडस्ट्रीज और अन्य निजी संस्थान बंद होने से अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है। केंद्र की ओर से जीएसटी का हिस्सा कम दिए जाने से प्रदेश की माली स्थिति पहले से ही खराब थी। राज्य सरकार को पिछले वित्तीय वर्ष में केंद्र की ओर से निर्धारित कर के हिस्से में से करीब दस हजार करोड़ रुपए कम दिए गए। केंद्र को पिछले वित्तीय वर्ष में करीब 46 हजार करोड़ रुपए देने थे, जिसे संशोधित कर राज्य को 36 हजार करोड़ रुपए ही दिए गए हैं। इसका सीधा असर राज्य की माली स्थिति पर हुआ है और सरकार ने कोरोना के असर के चलते जनप्रतिनिधियों से लेकर कार्मिकों के वेतन में से कुछ हिस्सा स्थगित कर दिया है।
इधर कोरोना के ग्लोबल असर के चलते आर्थिक तरक्की के लिहाज से भारत कई दशक पीछे चला जाएगा। निजी एजेंसी गोल्डमैन सैक्श ने अपने पहले के अनुमान में भारी कटौती की है। इसके पहले उसने अनुमान लगाया था कि भारत की अर्थव्यवस्था में इस वित्त वर्ष में 3.3 फीसदी की बढ़त होगी। कंपनी के अनुसार वर्ष 2020 में अमेरिका में -6.2 फीसदी की बढ़त होगी यानी वहां इतने की गिरावट आएगी। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि यह बढ़त 70,80 और 2009 के दशक में देखी गई मंदी के दौर से भी कमजोर है। गौरतलब है कि भारत में गत 25 मार्च से पूरी तरह से लॉकडाउन है और इसकी वजह से समूचा कारोबार और उद्योग ठप पड़ा है।
हालांकि, ब्रोकरेज फर्म ने यह भी कहा है कि इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था में अच्छा सुधार हो सकता है। गोल्डमैन सैक्श ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति में नरमी जारी रखेगा और सिस्टम में नकदी डालने के उपाय भी करता रहेगा। हालांकि यदि अगले कुछ महीनों में देश—दुनिया में इस महामारी पर काबू पाने में सफलता नहीं मिली तो अर्थव्यवस्था की गति में सुधार और देरी से होगा।
गौरतलब है कि इसके पहले कई रेटिंग एजेंसियां कोरोना के कहर को देखते हुए भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान में भारी कटौती कर चुकी हैं। कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से इकोनॉमी को लगातार नुकसान हो रहा है। ऐसे में रेटिंग एजेंसियां दुनिया सहित भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटाती जा रही हैं। हाल में रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत के जीडीपी अनुमान को कैलेंडर वर्ष 2020 के लिए 5.3 फीसदी से घटाकर महज 2.5 फीसदी कर दिया है। ग्लोबल क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने पहले भारत के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में बढ़त 5.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। कोरोना वायरस संकट को लेकर मूडीज का कहना है कि इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को बहुत बड़ा झटका लगेगा। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट इकोरैप के अनुसार 2019-20 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 5 प्रतिशत से घटकर 4.5 प्रतिशत रह सकती है।
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