सुबह 6 से 11 बजे तक राशन की दुकनों पर लोग इकट्ठा सामान खरीदते हुए दिखाई दिए। यही स्थिति सब्जी और फलों की दुकनों पर भी थी। नौ बजे बाद सर्वाधिक भीड़ तो राशन की दुकानों पर रही। खरीदारी के चक्कर में लोग कोरोना गाइडलाइन को ही भूल गए। लोगों ने लॉकडाउन की वजह से अतिरिक्त राशन तक खरीद लिया। परकोटा के बाजारों से लेकर वैशाली नगर, मानसरोवर, मालवीय नगर से लेकर विद्याधर नगर में किराने की दुकानों पर सुबह 11:00 बजे तक भीड़ रही।
वसूला मनमाना किराया
लॉकडाउन के डर से राजधानी से मजदूरों ने पलायन भी शुरू कर दिया है। सिंधी कैम्प बस अड्डे पर दिन भर प्रवासी श्रमिकों की भीड़ लगी रही। रोडवेज बसों का तो पहले से ही सीमित संचालन किया जा रहा है, लेकिन भीड़ देखकर निजी बस संचालकों ने किराया बढ़ा दिया। पहले आगरा तक जाने के लिए १५० से २०० रुपए किराया था। वो शुक्रवार को ४०० से ५०० रुपए तक वसूल किया गया।
-पलायन करने वालों में अधिकतर वे मजदूर हैं जो चौखटियों पर आकर काम पर जाते हैं। इनमें हलवाई से लेकर छोटे निर्माण कार्य करने वाले मजदूर शामिल हैं।
घबराएं नहीं, मिलता रहेगा जरूरत का सामान
पहले दिन जिस तरह से लोग सामान खरीदने घरों से निकले। यह ठीक नहीं है। घर पर सामान इकट्ठा करने से बचें। घबराने की जरूरत नहीं है। जैसे जन अनुशासन पखवाड़े में राशन की दुकनें और सब्जी की दुकानें सुबह 6 से 11 बजे तक खुल रही हैं। वैसे ही रेड अलर्ट लॉक डाउन में भी खुलती रहेंगी। ऐसे में लोग जरूरत पड़ने पर खरीदारी कर सकेंगे।