यूं उड़ाई जा रही है लॉकडाउन की धज्जियां
जयपुर के शास्त्रीनगर व पानीपेच के आसपास के इलाके में लॉकडाउन के दौरान लोग नियमों का खुला उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं। पूछने पर कहते हैं कि हमें खाना चाहिए। उन्हें जैसे ही भोजन के पैकिट दिलवाने की बात कहते हैं तो वे खाना लेने से इंकार करते हुए कहते हैं कि उन्हें खाना नहीं बल्कि सूखी राशन सामग्री जिसमें दाल, आटा, मसाले आदि होते हैं, के किट चाहिए। इनमें महिलाओं और 10 से 15—16 साल के किशोरों की संख्या अधिक है। ये समूहों में एकत्र होकर इधर से उधर घूम घूमकर यह पता लगाते हैं कि सूखी राशन सामग्री कहां बं
पानीपेच से जनोपयोगी भवन वाली सड़क पर लॉकडाउन का उल्लंघन
यूं उड़ाई जा रही है लॉकडाउन की धज्जियां
जयपुर
जयपुर के शास्त्रीनगर व पानीपेच के आसपास के इलाके में लॉकडाउन के दौरान लोग नियमों का खुला उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं। पूछने पर कहते हैं कि हमें खाना चाहिए। उन्हें जैसे ही भोजन के पैकिट दिलवाने की बात कहते हैं तो वे खाना लेने से इंकार करते हुए कहते हैं कि उन्हें खाना नहीं बल्कि सूखी राशन सामग्री जिसमें दाल, आटा, मसाले आदि होते हैं, के किट चाहिए। इनमें महिलाओं और 10 से 15—16 साल के किशोरों की संख्या अधिक है। ये समूहों में एकत्र होकर इधर से उधर घूम घूमकर यह पता लगाते हैं कि सूखी राशन सामग्री कहां बंट रही है। जैसे ही पता लगता है वे अपने मोबाइल से सूचना देकर अपने अन्य साथियों को बुला लेते हैं। ऐसी ही महिलाएं आरपीए रोड पर घूमती मिली। उनका कहना था कि हम यह ढूंढ रहे हैं कि राशन सामग्री कहां बंट रही है, हम सामग्री लेने जा रहे हैं। वे बताती है कि हम कठपुतली नगर में रहते हैं, उनके यहां राशन सामग्री आती है लेकिन वह सभी में समान रूप से नहीं बांटी जा रही है। कुछ लोग जैसे ही खाद्य पदार्थों की गाड़ी आती है उस पर टूट पड़ते हैं और हमें कुछ नहीं मिलता है।
इसी तरह कांवटियां अस्पताल सर्किल, मोचियों की छबील, सुभाष कॉलोनी, शिवाजी नगर, उंडा महादेव , वर्मा कॉलोनी, मीणा कॉलोनी, पी एंड टी क्वार्टर्स, सेक्टर पांच आदि में महिलाएं राशन सामग्री लेने के लिए घूमती नजर आती है, वहीं 15 से 35 साल तक के युवा लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए स्वच्छंद घूमते नजर आते हैं। जैसे ही पुलिस की गाड़ी उन्हें नजर आती है तो वे मुख्य सड़के से भागकर आस पास की गलियों में घुस जाते हैं। बलाई कॉलोनी, मदीना मस्जिद और पेंटर कॉलोनी इलाके के हाल तो और भी खराब है। वहां युवक सड़कों पर बतियाते और खेलते रहते हैं, पुलिस उन्हें बार बार घरों में भेजकर जाती है, पुलिस के जाते ही वे वापस सड़कों पर आ जाते है। इनसे कोरोना फैलने का डर बना हुआ है, वहीं लॉकडाउन की भी धज्जियां उड़ रही है। इन इलाकों में राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता अपनी मोटरसाइकिलों और वाहनों पर खाद्य सामग्री वितरण कार्यकर्ता के पंपलेट और पोस्टर लगाकर घूमते नजर आते हैं। पूछने पर कहते हैं हमारे को विधायक ने लोगों को इस काम में लगाया है।