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Ground Report : चुनावी जंग में रंग बदल टकराए दिग्गज, त्रिकोणीय संघर्ष में उलझे किशन रेड्डी

Lok Sabha Elections 2024 : त्रिकोणीय भिड़ंत ने सिकंदराबाद लोकसभा सीट को रोचक बना दिया है। केसीआर की पार्टी बीआरएस से विधानसभा चुनाव जीतने के बावजूद खैरताबाद के विधायक दानम नागेंद राव कांग्रेस में शामिल हो गए। पढ़िए राजीव मिश्रा की विशेष रिपोर्ट...

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Lok Sabha Elections 2024 : त्रिकोणीय भिड़ंत ने सिकंदराबाद लोकसभा सीट को रोचक बना दिया है। केसीआर की पार्टी बीआरएस से विधानसभा चुनाव जीतने के बावजूद खैरताबाद के विधायक दानम नागेंद राव कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस ने उन्हें सिकंदराबाद से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया तो, बीआरएस ने सिकंदराबाद के विधायक टी.पद्माराव गौड़ को उतार दिया। यहां तीसरे दिग्गज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी हैं जिनकी प्रतिष्ठा दांव पर है। रेड्डी दूसरी बार और भाजपा हैट्रिक के लिए जोर लगा रही है। कहने को सिकंदराबाद हैदराबाद का जुड़वां शहर है, लेकिन चंद किलोमीटर के फासले पर ही माहौल बदल जाता है।

राम मंदिर मुद्दे की चर्चा

प्रमुख व्यापारिक केंद्र रानीगंज को मिनी भारत भी कह सकते हैं। यहां कई पीढ़ियों से प्रवासी राजस्थानी, गुजराती और उत्तर भारतीय बड़ी तादाद में रहते हैं। चुनाव में ये निर्णायक भूमिका भी निभाते हैं। भले ही दक्षिण के अन्य राज्यों में राम मंदिर का मुद्दा चर्चा में नहीं रहा पर यहां इसकी चर्चा है।

वे बार-बार पार्टी बदलते हैं

उज्जैनी महाकाली मंदिर से निकल पास ही पूजा सामग्री की दुकान पर बैठे संजयसिंह से चुनावी माहौल के बारे में पूछा तो आंख बंद कर और सिर हिलाते हुए सिर्फ दो शब्द बोले- 'मोदी…मोदी।' यहां की गलियों और तंग गलियों से गुजरते हुए महसूस हुआ कि भगवा रंग का बोलबाला है। आगे बढ़ा तो, बीआरएस का गुलाबी रंग भी चटख दिखा। पूछा तो मालूम हुआ कि यह मोंडा मार्केट है। यहां बैग का कारोबार करने वाले वसंत कुमार ने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार दानम नागेंदर राव बीआरएस से आए हैं। वे बार-बार पार्टी बदलते हैं। उन पर विश्वास नहीं है। समर्थन इस बार बीआरएस उम्मीदवार टी.पद्मा राव को मिलेगा। मोंडा मार्केट के अलावा सिकंदराबाद और मुशीराबाद में भी बीआरएस के पक्ष में आवाजें सुनाई दीं।

किशन रेड्डी से लोग नाराज

सिकंदराबाद से मुशीराबाद, आरटीसी और नारायणगुड़ा तक मेट्रो के खंभों पर पीएम नरेंद्र मोदी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के पोस्टर लगेे हुए हैं। कुछ पोस्टर ऐसे भी हैं जिनमें राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे दिखाई देते हैं। सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन के करीब एक दुकान पर बैठे राजेश्वर राव ने कहा कि केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी से लोग नाराज हैं। हालांकि किशन रेड्डी दावा करते हैं कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने तेलंगाना के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं लागू की हैं। सिकंदराबाद रेलवे जंक्शन के पुनर्निर्माण की यहां खूब चर्चा है। पवन, संदीप और हरिकिशन वर्मा इससे काफी उत्साहित नजर आए। रेलवे स्टेशन को नया रूप दिया जा रहा है, लेकिन गति धीमी है। हैदराबाद बम धमाके की घटना याद करते हुए देवकरण सोनी कहते हैं कि देश अब सुरक्षित हुआ है। आतंकी घटनाएं कम हुई हैं।

प्रवासियों के वोट हो सकते हैं निर्णायक

बजरंग लाल हीरालाल और घनश्याम सोनी कहते हैं कि राम मंदिर निर्माण का मुद्दा प्रवासियों को खूब प्रभावित कर रहा है। यहां लगभग 2 लाख प्रवासी मतदाता हैं। किशन रेड्डी को इन मतदाताओं पर काफी भरोसा है। सिकन्दरबाद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नामपल्ली और अम्बरपेट इलाके मुस्लिम बहुल हैं। बावजूद इसके किशन रेड्डी अम्बरपेट से विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में भी उन्हें व्यापक समर्थन मिलता रहा है। अकबर अली कहते हैं कि यहां दोनों धर्म के लोग मोहब्बत से रहते हैं। गले पर निशान दिखाते हुए अली कहते हैं कि दो साल पहले पतंग के माझे से उनकी गर्दन कट गई थी। तब एक हिंदू साथी ही उन्हें अस्पताल लेकर गया। कई दिनों तक आइसीयू में रहा, लेकिन जान बच गई। अली कहते हैं कि नफरत और दूरियां बढ़ाने की बातें नेता अपने स्वार्थ के लिए करते हैं।

त्रिकोणीय संघर्ष में उलझे किशन रेड्डी

दरअसल, रेड्डी की पहचान सॉफ्ट बोलने वाले एक नेता के तौर पर है जो हार्ड हिंदुत्व की राह नहीं अपनाते। ये दोनों विधानसभा क्षेत्र इस बार रेड्डी की किस्मत तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। सिकन्दरबाद में भाजपा, बीआरएस और कांग्रेस के पक्ष में बराबर आवाजें सुनाई देती हैं। हालांकि, हैदराबाद शहर में बीआरएस, मजलिस और भाजपा के ही विधायक हैं। कांग्रेस के एक भी विधायक नहीं हैं। लेकिन, राजेश्वर कहते हैं कि, यहां जो भी पार्टी सत्ता में आती है,उसके उम्मीदवार स्वाभाविक रूप से मजबूत होते हैं। दानम नागेंद्र को कम नहीं आंक सकते। मुकाबला त्रिकोणीय है और टक्कर कांटे की।

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