मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक लाने-ले जाने के लिए दोनों दलों के करीब 3500 वाहन सड़कों पर रहेंगे। प्रति बूथ एक वाहन का गणित है और प्रति वाहन औसतन 2 हजार रुपए खर्च का आकलन है। शहर में 1873 बूथ हैं, इसी आधार पर अनुमानित 75 लाख रुपए की गणना की गई है। हालांकि दोनों ही दलों का दावा है कि इन इंतजामों का पार्टी या प्रत्याशी से सीधे कोई मतलब नहीं है। जबकि, एक प्रत्याशी अपने पूरे प्रचार अभियान में ही 70 लाख रुपए का खर्चा कर सकता है।
ये हैं भाजपा-कांग्रेस की आज की तैयारी -3746 भाजपा पोलिंग एजेंट केन्द्रों पर
-3746 कांग्रेस पोलिंग एजेंट केन्द्रों पर -7492 पोलिंग एजेंट दोनों दलों के
-1 बूथ पर औसतन 20 कार्यकर्ता सक्रिय -40 कार्यकर्ता हर बूथ पर सक्रिय रहेंगे दोनों दल के
-74920 कार्यकर्ता होंगे सभी बूथ पर
-90 रुपए प्रति कार्यकर्ता खाने का खर्च यानि 67.42 लाख रुपए
-25 रुपए प्रति कार्यकर्ता नाश्ते का खर्च यानि 18.73 लाख रुपए -86.15 लाख रुपए कुल खर्चा है खाने व नाश्ते पर दोनों दल वाहनों पर इस तरह बहाएंगे पैसा
-1873 कुल बूथ हैं आठ विधानसभा क्षेत्र में
-1 बूथ पर एक वाहन की व्यवस्था (इसमें ई-रिक्शा व ईंधन चलित छोटे व बड़े वाहन)
-2 हजार रुपए प्रति बूथ खर्चा मान रहे एक पार्टी का -4 हजार रुपए प्रति बूथ खर्चा हो गया दोनों पार्टी का मिलाकर
-74.92 लाख रुपए अनुमानित खर्चा वाहनों पर आठों विधानसभा क्षेत्र में (भाजपा व कांग्रेस)
(ईरिक्शा के 800 से 1 हजार रुपए, ईंधन चलित छोटा वाहन 2 हजार रुपए, बड़े वाहन 2700 रुपए प्रति वाहन)