इस बदलाव के बाद प्रदेश के कुछ विधायक और मंत्रियों के चुनाव मैदान में उतारे जाने को लेकर चर्चाओं को दौर तेज हो गया है। हालांकि मंत्री चुनाव मैदान में उतरने के कम ही इच्छुक हैं। सूत्रों के मुताबिक स्क्रीनिंग कमेटी की तीन दिन दिल्ली में चली बैठक में कुछ लोकसभा सीटों पर चुनाव जीतने के लिए मजबूत उम्मीदवार के रूप में विधायक व मंत्रियों के नाम बताए गए हैं। स्क्रीनिंग कमेटी में विधायक, जिलों के प्रभारी मंत्री, संगठन प्रभारी, विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार रहे नेताओं से फीडबैक लिया गया है।
बैठक में हर लोकसभा क्षेत्र के लोगों से अलग-अलग बात की गई। इस बातचीत में अलग से नेताओं के व्यक्तिगत सुझाव भी लिए। बताया जा रहा है कि अधिकांश केन्द्रीय स्तर के बड़े नेताओं के विधानसभा बनने से कुछ सीटों पर जिताऊ मजबूत उम्मीदवार नहीं है। ऐसे में कांग्रेस चुनाव में उतारने को लेकर मंथन में जुट गई है। बैठक में मौजूद रहे नेता भी मान रहे हैं कि अब सिर्फ जिताऊ नेता को ही उम्मीदवार बनाए जाने पर फोकस किया जा रहा है। मंत्रियों में लालचंद कटारिया, हरीश चौधरी के अलावा वरिष्ठ नेता गिरिजा व्यास, मानवेन्द्र सिंह, रामेश्वर डूडी, खिलाड़ी लाल बैरवा सहित और कुछ के नाम चर्चा में हैं।