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जयपुर

फेफडों का कैंसर होने से पहले शरीर देता है चेतावनी

Lung Cancer : जयपुर . घरती पर Air pollution इतना बढ़ गया है कि Fresh Air बड़ी मुश्किल से मिलती है, खासकर शहरों की स्थिति ज्यादा गंभीर है। इसका सीधा असर फेफड़ों पर पड़ता है। यही कारण है कि फेफड़े और सास के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। Lung Disease में कई लक्षण पैदा हो जाते हैं, जिनमें गंभीर खांसी, सांस फूलना, अधिक बलगम बनना, घरघराहट होना, छाती में दर्द और यहां तक कि बलगम में खून आना आदि शामिल हैं।

जयपुरDec 13, 2019 / 03:35 pm

Anil Chauchan

Lung Cancer

Lung Cancer

जयपुर . घरती पर वायु प्रदूषण ( Air Pollution ) इतना बढ़ गया है कि ताजी हवा ( Fresh Air ) बड़ी मुश्किल से मिलती है, खासकर शहरों की स्थिति ज्यादा गंभीर है। इसका सीधा असर फेफड़ों पर पड़ता है। यही कारण है कि फेफड़े और सास के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। फेफड़े की बीमारी ( lung disease ) में कई लक्षण पैदा हो जाते हैं, जिनमें गंभीर खांसी, सांस फूलना, अधिक बलगम बनना, घरघराहट होना, छाती में दर्द और यहां तक कि बलगम में खून आना आदि शामिल हैं।

एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. नरेंद्र खिपाल ने की। बताया कि शुरुआती लक्षणों का पता लगाकर फेफड़े के कैन्सर से बचाव करना संभव है। हालांकि फेफड़े के कुछ ऐसे रोग भी हैं, जिनका बचाव नहीं किया जा सका है। बंदूक के रोग से बचना और फेफड़े को स्वस्थ्य रखने के लिए धूम्रपान छोडऩा और वायु प्रदूषण से बचना सबसे बेहतर उपाय है। इसके अलावा नियमित रूप से व्यायाम करने से भी फेफड़ों स्वस्थ्य रहते हैं।
ये हैं मुख्य लक्षण -:
– पीठ या छाती में बहुत तेज दर्द होना
– सूखी खांसी का लगातार आना
– बलगम में खून आना
– बार-बार खांसी और छाती में इन्फेक्शन होना
– ज्यादा थकान व कमजोरी महसूस करना
– भूख कम लगना व लगातार वजन कम होना
डॉ. खिप्पल और उनके सहायक डॉ. मोनिका गर्ग ने 500 लंग कैंसर के मरीजों के लक्षण के अध्ययन करने पर पाया कि अगर लक्षणों को समय रहते इग्नोर न किया जाए तो लंग कैंसर का शुरूआती स्टेज में ही पता लगाया जा सकता है।
500 लंग कैंसर के मरीजों शौध
चौंकाने वाले तथ्य आए सामने
बीमारी से पहले शरीर देता है चेतावनी
धूमपान न करने वाले भी हो रहे शिकार


डॉ. खिप्पल ने बताया कि जो लोग करते हैं उनमें 75 प्रति लोग में लंग कैंसर का खतरा रहता है। वहीं जो लोग ध्रूम्रपान नहीं करते उन्हें 15 से 25 फीसदी लोग लंग कैंसर के शिकार हो रहे है इस अध्ययन में यह पाया गया कि लंग कैंसर का प्रमुख कारण धूम्रपान है। जो लोग अपने जीवन काल में एक लाख से यादा सिगरेट या बीड़ी का सेवन कर चुके हैं। उसमें लंग कैंसर होने की संभावना लगभग 75 प्रतिशत होती है।

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