जयपुर

Chaitra Navratri 2021 First Day मां शैलपुत्री की पूजा से मिलती है शक्ति , इन मंत्रों के साथ करें आराधना

chaitra navratri 2021 start date devi durga vahan Chaitra Navratri 2021 Date CHAITRA NAVRATRI CHAITRA NAVRATRI 2021 NAVRATRI 2021 START DATE CHAITRA NAVRATRI 2021 DEVI DURGA VAHAN CHAITRA NAVRATRI 2021 START DATE कब है चैत्र नवरात्र क‍िस वाहन से आएंगी दुर्गा मां चैत्र नवरात्र 2021 चैत्र नवरात्र की शुरुआत कब से देवी दुर्गा का वाहन GANGAUR PUJAN 2021 Maa Shailputri Puja Vidhi First Day Of Chaitra Navratri 2021 Mata Shailputri puja vidhi

जयपुरApr 13, 2021 / 06:42 am

deepak deewan

Maa Shailputri puja vidhi First Day Of Chaitra Navratri 2021

जयपुर. 13 अप्रैल 2021 यानि मंगलवार को चैत्र शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इस दिन चैत्र नवरात्र प्रारंभ हो रहे हैं। नवरात्रि के प्रथम दिन कलश-स्थापना कर मां दुर्गा की प्रथम रूप माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। हिमालय यानि शैल के यहां जन्म लेने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। मां शैलपुत्री को ही माता पार्वती के स्वरूप में शंकरजी की पत्नी के रूप में जाना जाता है।
मां शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल रहता है और बाएं हाथ में वे कमल-पुष्प धारण करती हैं। माता शैलपुत्री का वाहन वृषभ है। इसलिए उन्हें वृषभारूढ़ा भी कहा जाता है। पूर्व जन्म में वे दक्ष प्रजापति की पुत्री सती थीं। उनका विवाह शंकरजी से हुआ था। माता शैलपुत्री की आराधना करने से स्थिरता और शक्ति प्राप्त होती है। युवतियों, महिलाओं के लिए उनकी पूजा करना विशेष रूप से मंगलकारी होता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि सुबह शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना के बाद दुर्गा पूजा का संकल्प लेकर शैलपुत्री स्वरूप की विधिपूर्वक पूजा करें। घी का दीपक जलाकर उनकी आरती उतारें। माता को सिंदूर, धूप, पुष्प अर्पित करें. इसके बाद दुर्गासप्तशती का पाठ करें या माता के मंत्र का जाप करें। माता शैलपुत्री को सफेद फूल पसंद हैं। उन्हें गाय का घी अर्पित करना चाहिए। इससे आरोग्य प्राप्त होता है।
माता शैलपुत्री की आराधना के लिए मंत्र

1.
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:

2.
बीज मंत्र— ह्रीं शिवायै नम:

3.
शिवरूपा वृष वहिनी हिमकन्या शुभांगिनी.
पद्म त्रिशूल हस्त धारिणी रत्नयुक्त कल्याण कारिनी.

4.
वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्‌ .
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्‌॥
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.