सैनी ने कहा कि भाजपा ने एक कमेटी का गठन किया था। कमेटी उसके घर गयी तो पाया कि पीडि़त के घर कोई सुरक्षा की व्यवस्था नहीं है। जांच कमेटी के सदस्य सांसद रामकुमार वर्मा ने कहा कि कल हम लोग गए थे पीडि़तों, ग्रामवासियों सबसे बात की। ज़िला कलेक्टर से भी बात की। एसपी से भी बात की तो मालूम हुआ कि 26 को ये निर्दयी घटना हुई थी। पति-पत्नी ने 29 को पुलिस अधिकारी से बात की तो अफसरों ने टालम-टोल कर दिया। फिर ये एसपी ऑफि़स गए। वहां भी मामले को हलके में लिया। बाद में 2 तारीख को मामला दर्ज किया गया और पुलिस ने कहा चुनाव के बाद कार्रवाई करेंगे।
इस निर्दयी घटना में भी पुलिस की भूमिका गम्भीर नहीं रही। मुख्य तथ्य जो सामने आए उसे हमने कलेक्टर, एसपी को बताया। हमने उनसे पूछा कि क्या सरकार के दबाव में हो? अफ़सरों ने कोई जवाब नहीं दिया। राजस्थान सरकार के ध्यान में ना हो इतनी बड़ी घटना ऐसा नहीं हो सकता।
इस मामले में ज्योति किरण शुक्ला ने कहा कि प्रशासन की आड़ में अशोक गहलोत छुप रहे हैं। पीडि़त के बाहर कही कोई सुरक्षा नहीं थी। भाजपा के दबाव के बाद सुरक्षा दी गयी। ज़िला कलेक्टर कहते है कि बात करनी है तो अलवर आओ और ज्ञापन दो। फ़ास्ट ट्रैक अदालत में ये मामला चलना चाहिए। गृहमंत्री की नैतिक ज़िम्मेदारी। वे बताए वे अभी तक पद पर क्यूं है?
एससी-एसटी अधिनियम का मामला है। पीडि़त को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की और से एक राशि दी जाती है वो भी नहीं दी गयी। भाजपा के सदस्यों के जाने से पीडि़त परिवार को सुरक्षा मिली। सरकार ने पहले कोई क़दम नहीं उठाया। अब भाजपा कल सभी ज़िला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी और ज्ञापन दिए जाएंगे। राज्यपाल के नाम ज्ञापन देंगे। जयपुर में कलेक्ट्रेट सर्कल पर प्रदर्शन किया जाएगा।