अजीत कहते हैं कि इस प्रकार की पेंटिंग करने की प्रेरणा उन्हें डबलरोटी यानी बे्रड से मिली। वह बताते हैं कि एक दिन किचन में काम करते समय जब ब्रेड टोस्ट करते समय देखा कि उस पर फायर के निशान बन जाते हैं उसी से सोचा क्यों
न इसी तरह से पेंटिंग करने का प्रयास किया जाए। बस कैनवास पर लकड़ी का बुरादा चिपका कर उस पर फायर के जरिए पेंटिंग करना शुरू कर दिया। शुरुआत में कुछ असफलता के बाद कैनवास पर चेहरे उकरने शुरू हो गए। अजीत कहते हैं इसके बाद मैंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा, अब तक न जाने कितने की सेलेब्रिटीज के चेहरे कैनवास पर उकेर चुका हूं। मुझे वाइल्ड लाइफ से भी प्यार है इसलिए वाइल्ड लाइफ को भी फायर पेंटिंग के जरिए कैनवास पर उतरता हंू।
अजीत का कहना है कि इस तरह की पेंटिंग बनाते समय आग बुझाने के साधन अपने साथ रखने चाहिए क्योंकि कभी भी दुर्घटना हो सकती है। मैं खुद कई प्रकार आग से जल चुका हूं। बच्चों को मैं हमेशा इससे दूर रखता हंू। इतना ही नहीं अगर तेज हवा चल रही है तो फायर से पेंटिंग नहीं करनी चाहिए। साथ ही कोशिश करनी चाहिए कि जब आग से काम कर रहे हो तो अंधेरे में काम किया जाए क्योंकि दिन में तेज रोशनी में आग की लपटें नजर नहीं आती क्योंकि इससे दुर्घटना होने की संभावना रहती है।