मानदेय कर्मियों का समय पर वेतन देकर, पोषाहार बनाने वाले स्वयं सहायता समूहों को फिक्स राशि देकर, रिक्त पदों को भरकर, आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत सुधार कर उन्हें बाल सुलभ बनाकर ही योजनाएं प्रभावी होगी। हालांकि विभाग ने इसकी शुरुआत होने से अलवर, धौलपुर, दौसा, करौली व टोंक जिलें में चलाई जा रही सेवाओं को गति मिलने का दावा किया है।
मंत्री अनिता भदेल ने योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए ‘मैकिंग इट हैप्पन’ की शुरुआत पिछले महीने की थी। टाटा ट्रस्ट और महिला बाल विकास विभाग के बीच इस संबंध में समझौता हुआ था। इसके तहत आओ सुनिश्चित करें नाम से योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा।