विशिष्ट लोक अभियोजक ओम प्रकाश माथुर के अनुसार इस मामले में फागी थाने में अप्रेल 2014 में मामला दर्ज हुआ। इसमें बताया कि पीडि़ता कक्षा 9 की छात्रा थी और राधा मोहन ने अपहरण कर लिया।
इसके बाद खेड़ा का बालाजी लेकर जाकर दुष्कर्म किया। हिम्मत सिंह ने राधा मोहन का सहयोग किया। उसके बाद पीडि़ता बेहोश हो गई और कुछ देर बाद अभियुक्त उसे छोड़कर चले गए। अभियोजन पक्ष ने 14 गवाह और 24 दस्तावेजी सबूत पेश कर कड़ी सजा देने का आग्रह किया।
पीडि़ता का जीवन नर्क बना दिया
इस पर न्यायालय ने टिप्पणी की है कि इन अपराधियों ने पीडि़ता के जीवन को नर्क बनाने मे कोई कसर नहीं छोड़ी तथा उनका कृत्य गंभीर और घृणित प्रकृति का है। इस कारण अपराधियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
इस पर न्यायालय ने टिप्पणी की है कि इन अपराधियों ने पीडि़ता के जीवन को नर्क बनाने मे कोई कसर नहीं छोड़ी तथा उनका कृत्य गंभीर और घृणित प्रकृति का है। इस कारण अपराधियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए।