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जयपुर

हीरे व रत्नों की मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयां हतोत्साहित

नई दिल्ली। देश को मैन्यूफैक्चरिंग हब ( manufacturing units ) बनाने की सरकार की घोषित मंशा के बीच सरकार की ही नीतियों ( policies ) के कारण जौहरी अपनी मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों को देश से बाहर ले जाने पर विवश हो रहे हैं। जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के एक अधिकारी ने कहा कि कटे व तराशे हीरे और रत्नों पर आयात शुल्क ( import duty ) में बढ़ोतरी किए जाने के कारण इनके निर्यातकों को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

जयपुरNov 26, 2019 / 06:59 pm

Narendra Singh Solanki

हीरे व रत्नों की मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयां हतोत्साहित

हीरे व रत्नों की मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयां हतोत्साहित

इसके कारण वे अपनी मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों को उन देशों में ले जाने पर विचार कर रहे हैं, जहां हीरे व रत्नों की खदानें हैं। खदानों वाले कई देश कई प्रोत्साहन कार्यक्रमों के जरिए मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों को आकर्षित करने की भी कोशिश कर रहे हैं। भारत से मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों के विदेश जाने पर देश में बेरोजगारी भी बढ़ सकती है। विभिन्न रिपोर्टों के मुताबिक पहले ही देश में बेरोजगारी 45 साल के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई है। सरकार ने दोनों ही वस्तुओं पर आयात शुल्क को 2.5 फीसदी से बढ़ाकर पहले पांच फीसदी और बाद में इसे और बढ़ाकर 7.5 फीसदी कर दिया। आयात शुल्क में यह बढ़ोतरी महज आठ महीने के भीतर की गई। इसके कारण निर्यातक अपने मैन्यूफैक्चरिंग कारोबार को अन्य ठिकानों पर ले जाने पर विचार कर रहे हैं। रूस, कनाडा, बोत्सवाना, नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका में दुनिया के कुछ सबसे बड़े हीरा खदान हैं। वहीं तंजानिया, श्रीलंका और जांबिया में रंगीन रत्नों के कुछ सबसे बड़े खदान हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक इस साल सितंबर में तराशे हुए हीरों का आयात पिछले साल सितंबर के मुकाबले करीब 25 फीसदी कम रहा। पिछले साल सितंबर में ही शुल्क में संशोधन किया गया था। चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीने में कटे और तराशे हुए हीरों के आयात में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले आठ फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इसी दौरान कटे और तराशे हीरों के निर्यात में 18.31 फीसदी गिरावट दर्ज की गई।
दूसरी तरफ, महंगी धातुओं पर सीमा शुल्क में बढ़ोतरी के बाद देश में सोने के आयात में काफी गिरावट आई है। बीते चार महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर के दौरान भारत ने कुल 114 टन सोने का आयात किया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान देश में 250 टन सोने का आयात हुआ था। इस इस प्रकार बीते चार महीनों में भारत का सोना आयात 54.4 फीसदी घट गया। आयात शुल्क में बढ़ोतरी के साथ-साथ इस साल सोने के दाम में भारी वृद्धि भी एक बड़ी वजह है, जिसके चलते सोने के आयात में गिरावट आई है। जुलाई के पहले देश में इस साल सोने का आयात पिछले साल के मुकाबले ज्यादा हो रहा था, लेकिन जुलाई से आयात घटने लगा है। इस साल जनवरी से मार्च तक भारत ने 168 टन सोने का आयात किया, जबकि पिछले साल इन तीन महीनों में सोने का आयात 164 टन था। वहीं, अप्रेल से जून के दौरान सोने का आयात 258 टन हुआ, जबकि 2018 की इसी अवधि के दौरान सोने का आयात 200 टन हुआ था।
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