असंतुष्ट भाजपा नेताओं और नाराज राजपूतों का रैली में जुडऩा अहम माना जा रहा है। संकेत हैं कि मानवेन्द्र कांग्रेस में जा सकते हैं। जसवंतसिंह के परिवार के संपर्क में रहने वाले दिल्ली के नेताओं में यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा, अरुण शौरी के रैली में शामिल होने की अपुष्ट चर्चा है।
कांग्रेस नेता जितेन्द्रसिंह के भी रैली में पहुंचने के कयास लगाए जा रहे हैं। रैली को लेकर मानवेन्द्रसिंह व उनकी पत्नी चित्रासिंह ने बागडोर संभालते हुए बाड़मेर-जैसलमेर सहित समूचे मारवाड़ में व्यक्तिगत सम्पर्क किया है।
प्रदेशभर में इसका निमंत्रण भेजा गया है। मानवेन्द्र ने स्वाभिमान रैली के उद्देश्य के बारे में अब तक यही कहा है कि जिनके स्वाभिमान को चोट पहुंची है, वे रैली में आएंगे। लेकिन उनकी पत्नी चित्रा सिंह सभाओं में खुलकर भाजपा का विरोध कर रही हैं और जसवंत के अपमान का बदला लेने की बात कह रही हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में राजपूत भाजपा से नाराज माने जा रहे हैं।
लोकसभा चुनाव में जसवंत को टिकट नहीं देना सबसे बड़ा मुद्दा रहा। मानवेन्द्र ने चार साल तक चुप्पी रखी लेकिन चुनाव से एेन पहले मानवेन्द्र ने बड़ी रैली का एेलान किया है। इस रैली पर जयपुर से लेकर दिल्ली तक की नजर है।
नहीं मानी राजपूत नेताओं की बात
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा से पूर्व ही मानवेन्द्र ने रैली का एेलान कर दिया था। बाड़मेर में मुख्यमंत्री के आने से पहले भाजपा के राजपूत नेता राजेन्द्र राठौड़, राव राजेन्द्रसिंह, गजेन्द्रसिंह शेखावत सहित कई नेताओं ने बाड़मेर में राजपूत समाज के लोगों से समझाइश की लेकिन जसवंतसिंह समर्थक नहीं माने।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा से पूर्व ही मानवेन्द्र ने रैली का एेलान कर दिया था। बाड़मेर में मुख्यमंत्री के आने से पहले भाजपा के राजपूत नेता राजेन्द्र राठौड़, राव राजेन्द्रसिंह, गजेन्द्रसिंह शेखावत सहित कई नेताओं ने बाड़मेर में राजपूत समाज के लोगों से समझाइश की लेकिन जसवंतसिंह समर्थक नहीं माने।