scriptफिल्म मर्दानी-2 में कोटा को बदनाम करने पर सेंसर बोर्ड और सूचना प्रसारण मंत्रालय से जवाब तलब | Mardani 2 HC iisues notices to censor Board and IB Ministry | Patrika News
जयपुर

फिल्म मर्दानी-2 में कोटा को बदनाम करने पर सेंसर बोर्ड और सूचना प्रसारण मंत्रालय से जवाब तलब

(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने केन्द्रीय सेंसर बोर्ड और सूचना व प्रसारण मंत्रालय को नोटिस जारी कर फिल्म (Mardani 2) मर्दानी-2 में (Kota) कोटा शहर को रेप सिटी के तौर पर दिखाकर बदनाम करने पर जवाब मांगा है। जस्टिस अशोक गौड़ ने यह अंतरिम निर्देश तसलीम अहमद खान की याचिका पर दिए। मामले में अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी।

जयपुरDec 12, 2019 / 09:28 pm

Mukesh Sharma

जयपुर

(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने केन्द्रीय सेंसर बोर्ड और सूचना व प्रसारण मंत्रालय को नोटिस जारी कर फिल्म (Mardani 2) मर्दानी-2 में (Kota) कोटा शहर को रेप सिटी के तौर पर दिखाकर बदनाम करने पर जवाब मांगा है। जस्टिस अशोक गौड़ ने यह अंतरिम निर्देश तसलीम अहमद खान की याचिका पर दिए। मामले में अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी।

एडवोकेट शशांक अग्रवाल ने बताया कि फिल्म रेप और हत्या की सत्य घटनाओं पर आधारित है। फिल्म में यह घटनाएं कोटा शहर में होना बताया गया है। फिल्म के ट्रेलर को देखने से ही यह साफ है। फिल्म में दिखाई गईं घटनाएं कोटा शहर में हुई ही नहीं थीं बल्कि इस प्रकार की घटनाएं नोएडा और मुंबई शहर मंे हुई थीं। इसके बावजूद फिल्म में कोटा शहर का नाम लिया गया है। फिल्म कोटा शहर में वास्तविक लोकेशन पर फिल्माई गई है और इसमें कोचिंग इंस्टीट्यूट के साथ छात्र-छात्राओं को दिखाया गया है। कोटा शहर में देशभर से छात्र और छात्राएं कोचिंग के लिए आते हैं। फिल्म के कारण देशभर के छात्र-छात्राओं और विशेषकर उनके परिजनों के मन में कोटा की गलत छवि बनेगी और उनके मन में डर पैदा होगा। फिल्म में कोटा को बदनाम किया जा रहा है इससे शहर के नागरिकों में जबर्दस्त रोष उत्पन्न हो गया है। कोटा का अपना एक इतिहास और हैरीटेज है और वहां फिल्म में दिखाए गए अपराध कभी नहीं हुए हैं। यदि फिल्म सत्य घटना पर आधारित है तो फिर उन्हीं शहरों के नाम लिए जाने चाहिएं जहां अपराध हुए थे। पिछले दिनों कई फिल्मों को लेकर आगजनी,तोडफ़ोड़ और मारपीट हुई हैं। इसलिए एेसी स्थिति आने से पहले ही फिल्म की रिलीज पर रोक लगाना बेहतर होगा।

रोक तो नहीं लगा सकते-

सुबह सुनवाई के दौरान अदालत ने साफ कर दिया कि फिल्म को सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र मिल चुका है और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के आधार पर रिलीज और प्रदर्शन पर रोक नहीं लगाई जा सकती। अदालत ने याचिकाकर्ता को राजस्थान सिनेमा नियम बताने को कहा। अदालत को बताया गया कि इन नियमों के तहत जिला मजिस्ट्रेट फिल्म के रिलीज होने के बाद फिल्म के कारण शांतिभंग होने की स्थिति में केवल दो महीने के लिए शहर विशेष में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा सकता है और राज्य सरकार अनिश्चितकाल के लिए पाबंदी लगा सकती है। लेकिन,दोनों ही फिल्म की रिलीज को नहीं रोक सकते।

Home / Jaipur / फिल्म मर्दानी-2 में कोटा को बदनाम करने पर सेंसर बोर्ड और सूचना प्रसारण मंत्रालय से जवाब तलब

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो