मौसम विभाग की मानें तो जयपुर में अंधड़ की रफ्तार अन्य जिलों से सर्वाधिक थी। अन्य जिलों में यह 55 किमी तक रफ्तार से गुजरा। जयपुर में 6.30 बजे तक अंधड़ रहा। शहर में सी-स्कीम, गोपालपुरा, प्रतापनगर में पेड़ उखड़ गए। बगरू, कालाडेरा में भी पेड़ उखड़ गए और बिजली के खम्भे गिर गए। कालवाड़ रोड पर बिजली की लाइन गिर गई। बाद में अंधड़ अलवर, भरतपुर की ओर निकल गया। मौसम विभाग ने शनिवार के लिए भी अलर्ट जारी किया है।
अंधड़ के दौरान शहर में 18 फीडर बंद हो गए। ग्यारह केवी लाइनें क्षतिग्रस्त होने से कई इलाकों में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई। बाहरी इलाकों में 100 से ज्यादा पोल टूटने से आधी रात बाद तक भी बिजली बहाल नहीं हो पाई। शहर में सांगानेर, प्रतापनगर, मानसरोवर, न्यू सांगानेर रोड, मोहनपुरा, रामपुरा, पृथ्वीराज नगर, अजमेर रोड सहित कई इलाकों में कई घंटे बिजली आपूर्ति बंद रही। प्रतापनगर में लोहे की चद्दर उडकऱ गिर गई, जिससे 11 केवी लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। मानसरोवर में पेड़ गिरने से लाइन टूट गई, जहां देर रात को आपूर्ति शुरू हो सकी। इस बीच ट्रिपिंग की शिकायतें आती रहीं। कालवाड़ रोड, कालाडेरा, जालसू, कोटखावदा, सिरसी रोड, सीकर रोड, बगरू, शाहपुरा, शिवदासपुरा, कानोता सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में 11 व 33 केवी के 100 से ज्यादा पोल टूट-उखड़ गए। इससे लाइनें क्षतिग्रस्त हो गईं।
तेज आंधी से मानसरोवर में मांग्यावास रोड स्थित तिरुपति विस्तार में निर्माणाधीन मकान की दीवार पड़ोसी की छत पर गिर गई। इससे तीन-चार कमरे क्षतिग्रस्त हो गए। तब कमरों में कोई नहीं था। पीडि़त शिव नारायण अग्रवाल ने बताया कि चार मंजिला मकान का निर्माण चल रहा है। इसमें फ्लैट बनाए जा रहे हैं। जिस दीवार को बनाया जा रहा था, वो आंधी की वजह से छत पर आकर गिरी।
2 घंटे में 11 डिग्री गिर गया पारा, दिन में ही छा गया अंधेरा
कई स्थानों पर अंधड़-बारिश के बीच शुक्रवार को जयपुर में शाम 5.45 बजे 64 किमी की रफ्तार से अंधड़ चला। करीब 45 मिनट तक अंधड़ के दौरान कई जगह टिन-टप्पर उड़ गए। दिन में ही अंधेरा छा गया। बूंदाबांदी भी हुई और तापमान गिर गया। शाम 7 बजे पारा 26.7 डिग्री दर्ज हुआ जबकि शुक्रवार को अधिकतम तापमान 37.8 डिग्री रहा। यानी 2 घंटे में 11 डिग्री गिरावट दर्ज की गई।
जयपुर में शाम 5 बजे तक मौसम साफ रहा। शाम 5.45 बजे अंधड़ के साथ धूल का गुबार छा गया। वाहन चालकों को दिन में ही लाइट जलानी पड़ीं। मौसम विभाग के निदेशक शिवगणेश के अनुसार गर्मी में पश्चिमी हवाएं पूर्व की ओर से चलती हैं। हवा में घुमाव से वायुमंडल अस्थिरता हो जाती है और अरब सागर से नमी मिलने पर बारिश होने लगती है।