केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के उपायुक्त डॉ. प्रदीप हलदर का कहना है कि 2017 से मिजल्स-रूबेला टीकाकरण को बतौर अभियान के रूप में शुरू किया गया है। सभी स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और स्वास्थ्य केंद्रों पर यह टीकाकरण किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त निदेशक शंकर लाल कुमावत ने बताया कि प्रदेशभर में चलाए जा रहे अभियान का उद्देश्य मिजल्स-रूबेला जैसी संक्रामक बीमारी से नौनिहालों को मुक्त रखना है।
राजस्थान में व्यापक तौर पर अभियान चलाकर 2.26 करोड़ बच्चों के टीकाकरण किया जाएगा। इसके लिए स्कूली शिक्षा, महिला बाल विकास सहित अन्य विभागों की मदद भी ली जा रही है। यूनिसेफ की सीएफओ इसाबेल बारडेम ने कहा कि यह एक ग्लोबल शुरुआत है। 2020 तक पूरे प्रदेश को मीजल्स जैसी बीमारी से मुक्त करना यूनिसेफ और राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
आपको बता दें कि रुबेला रोग जीनस रुबिवायरस के वायरस के जरिए होता है। यह एक संक्रामक बीमारी है। इस बीमारी के लक्षणों की बात करें तो कम बुखार रहना, मिचली और प्रमुख रूप से शरीर पर गुलाबी या लाल चकत्तों के निशान होना है। सामान्यतया ये चकत्ते चेहरे पर निकलते हैं, नीचे की ओर फैलते हैं।