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जयपुर

मेडिकल उपकरणों के दुष्प्रभाव हुए और गुणवत्ता खराब मिली तो आमजन सीधे करेंगे शिकायत, कंपनी होगी ब्लेक लिस्ट

बाजार से खरीदे उपकरणों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बड़ा कदम
मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल डिवाइस मॉनिटरिंग कार्यक्रम की शुरूआत, जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में भी शुरू

जयपुरAug 12, 2021 / 08:30 am

Vikas Jain

 Treatment of black fungus in 28 hospitals of the state

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विकास जैन

जयपुर. आमजन ने चिकित्सकीय देखरेख के लिए बाजार से मेडिकल उपकरण खरीदा और उसके दुष्प्रभाव सामने आए या गुणवत्ता खराब मिली तो वह इसकी सीधे शिकायत कर सकेंगे। भारत सरकार ने सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए मेडिकल डिवाइस मॉनिटरिंग कार्यक्रम शुरू किया है। इसके तहत जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में भी मॉनिरिंग सेंटर शुरू किया गया है। जिसका कोर्डिनेटर डॉ.लोकेन्द्र शर्मा को बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का प्रावधान इंडियन फार्माकापिया कमीशन ने किया है। इस सेंटर पर कोई भी उपकरण की गुणवत्ता की जांच भी करवा सकता है।

ये उपकरण मुख्य तौर पर शामिल
ऐसे उपकरणों में मुख्य तौर पर पल्स आक्सीमीटर, आक्सीजन कंसट्रेटर, एमआरआई, सीटी स्केन मशीन, डिजिटल थर्मामीटर, वेंटिलेटर आदि मशीनें शामिल हैं।

शिकायत के लिए हेल्प लाइन नंबर और ऐप भी

हाल ही में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान औषधी नियंत्रक विभाग की ओर से जयपुर में अलग-अलग कार्यवाही को अंजाम दिया गया था, जहां घटिया गुणवत्ता के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और पल्स ऑक्सीमीटर जब्त किए गए थे। मेडिकल डिवाइस मॉनिटरिंग कार्यक्रम के तहत यदि किसी शिकायत के दौरान मशीन में कोई खराबी देखने को मिलती है या फिर किसी तरह का कोई दुष्प्रभाव मशीन से हो रहा है तो उस कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने का प्रावधान भी रखा गया है। इसके अलावा इसे लेकर एक ऐप (एडीआर पीवीपीआई) भी तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से भी कोई भी व्यक्ति मेडिकल उपकरण की गुणवत्ता से जुड़ी शिकायत कर सकता है। एक हेल्प लाइन नंबर (18001803024) भी जारी किया गया है, जिसके तहत शिकायत का प्रावधान रखा गया है।
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