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जयपुर

मांग पूरी नहीं होने तक कार्य बहिष्कार जारी रखेंगे चिकित्सा ठेका कर्मचारी

– कई अस्पतालों की व्यवस्थाएं चरमराई – ठेका व्यवस्था खत्म करने की मांग – वार्ता में नहीं बनी सहमति, जारी रहेगा कार्य बहिष्कार – 25 जनवरी को राज्यभर के ठेका कर्मचारी करेंगे प्रदर्शन

जयपुरJan 21, 2021 / 06:07 pm

Tasneem Khan

Medical contract workers will continue work boycott until demand is met

Medical contract workers will continue work boycott until demand is met

Jaipur एसएमएस अस्पताल, जेके लोन, जनाना अस्पताल सहित अन्य सरकार अस्पतालों की व्यवस्थाएं गुरुवार को चरमरा गई, जब यहां के ठेका कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर दिया। मानदेय कम मिलने और ठेक व्यवस्था से नाराज कर्मचारी सुबह 9 बजे एसएमएस के सामने एकत्रित हुए और कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी। इस दौरान ठेका व्यवस्था और ठेकेदारों के विरोध में प्रदर्शन किया गया। बड़ी संख्या में कर्मचारियों के प्रदर्शन को देखते हुए मोती डूंगरी थाना पुलिस को तैनात होना पड़ा। यहां पर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत प्रदेशाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन के दौरान अस्पताल के अंदर मरीज यहां-वहां भटकते रहे। प्रशासन इसके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर पाया। हालांकि मामले को बिगड़ता देख कई अधिकारी वार्ता के लिए पहुंचे, लेकिन वार्ता में सहमति नहीं बन पाई। कार्य बहिष्कार अब अनिश्चितकालीन तक जारी रहेगा।
3 घंटे बाद ली सुध, फिर भी वार्ता विफल
एसएमएस के बाहर ठेका कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से मिलने के लिए दोपहर 12 बजे अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राजेश शर्मा, पुलिस अधीक्षक उतर व उप अधीक्षक डॉ. एन एस चौहान, ठेकेदार यहां पहुंचे। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत प्रदेशाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह राठौड़, मुख्य संघर्ष संयोजक मुकेश बांगड़, उपसंरक्षक जहीर अहमद के साथ यहां वार्ता की गई। अधिकारियों ने मानदेय बढ़ाने का आश्वासन दिया, लेकिन ठेका कर्मचारियों का कहना है कि उनकी एक ही मांग है कि ठेका व्यवस्था खत्म की जाए और सरकार मानदेय सीधे कर्मचारियों को दे। वार्ता में इन मांगों पर सहमति नहीं मिल पाई, इस कारण ठेका कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार खत्म नहीं किया। शाम 6 बजे तक अस्पताल के बाहर ही विरोध प्रदर्शन जारी रहा।
इसलिए हैं नाराज
चिकित्सा महकमे में जितने भी ठेका कर्मचारी हैं, वे अपने मानदेय की निश्चित राशि से कम मिलने पर नाराज हैं। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ का कहना है कि इन ठेका कर्मचारियों के मानदेय के लिए राज्य सरकार प्रति कर्मचारी अधिकतम 17200 रुपए मानदेय के लिए देती है। जबकि ठेकेदार इन कर्मचारियों को 5 से 7 हजार रुपए तक ही वेतन देता है। मानदेय को लेकर यह जो बड़ा अंतर है इसे खत्म किया जाए। मांग नहीं माने जाने तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। 25 जनवरी को राज्यभर के चिकित्सा ठेका कर्मचारी इस प्रदर्शन में शामिल होंगे।
ये हैं ठेका कर्मचारी
राज्य के अस्पतालों में 15 सालों से ठेका कर्मचारी रखने का काम सरकार कर रही है। इन कर्मचारियों में कम्प्यूटर ऑपरेटर, लैब टैक्नीशियन, डाटा ऑपरेटर, वार्ड ब्वॉय से लेकर स्वीपर तक आते हैं। यह कर्मचारी ठेका कंपनियों की ओर से इन अस्पतालों में पदस्थापित किए जाते हैं। सरकार जो मानदेय देती है, वो सीधे कर्मचारियों की बजाय ठेका कंपनियों के खाते में जाता है।
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