हालांकि अभी बसपा के 6 विधायकों होने से अशोक गहलोत कैंप के पास 106 विधायक हैं। जिनमें 10 निर्दलीय भी शामिल हैं। सियासी संकट के दौरान बसपा से कांग्रेस में आए छह विधायक मजबूत चट्टान की तरह गहलोत के में के साथ खड़े रहे थे। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों के पक्ष में ही आएगा, क्योंकि सभी नियमों को फॉलो करने के बाद ही बसपा विधायकों ने कांग्रेस में विलय किया था।
अभी से ही रणनीति में जुटा गहलोत कैंप
गहलोत कैंप को भले ही सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद हो लेकिन कहीं न कहीं बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों की सदस्य जाने की आशंका भी बनी हुई है ।जिसके चलते अभी से ही गहलोत कैंप बहुमत का आंकड़ा जुठाने में लगा हुआ है।
पायलट कैंप के पास 19 विधायक
कांग्रेसी रणनीतिकारों का कहना है कि बसपा से कांग्रेस आए विधायकों की सदस्यता रद्द होती है तब भी कांग्रेस पार्टी के पास बहुमत का आंकड़ा है। सचिन पायलट कैंप 19 विधायकों को जोड़ दे तो बहुमत कांग्रेस कर के पास है लेकिन अगर बीते साल की तरह सचिन पायलट गेम की नाराजगी सामने आई तो फिर गहलोत सरकार फिर से सियासी संकट का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सरकार बचाने के लिए पूरी तरह से सचिन पायलट कैंप पर ही निर्भर रहना पड़ सकता है।
यह है गहलोत कैंप का आंकड़ा
बसपा के 6 विधायकों की सदस्यता रद्द होती है तो विधानसभा में गहलोत कैंप के पास विधायकों का आंकड़ा
कांग्रेस——- 84
निर्दलीय——10
बीटीपी——–2
माकपा——-2
आरएलडी—-1
सचिन पायलट के 19 विधायकों पर रहना होगा निर्भर
विधानसभा में सचिन पायलट कैंप के पास 19 विधायक हैं जिनमें 16 कांग्रेस और 3 निर्दलीय हैं।
विपक्ष का आंकड़ा
भाजपा———72
रालोपा———3
वल्लभ नगर, धरियावद रिक्त