आलू-प्याज थोक विक्रेता संघ मुहाना मंडी के अध्यक्ष शिवरतन शर्मा ने महाराष्ट्र के नासिक, कोल्हापुर और सांगली से प्याज की आवक होती है। इस बार इन जिलों में पूरे सितंबर बारिश होती रही। खेतों में पानी भरा होने के कारण किसान प्याज नहीं लगा पाए। इधर, प्रदेश में अलवर, झालावाड़, अजमेर, नीमच, सवाईमाधोपुर, कोटा और पाटन से प्याज आ रहा है। फिलहाल बारिश ज्यादा और कम पैदावार के कारण कीमतों में बढ़ोतरी हुई। लालकोठी मंडी के आढतियों का कहना है कि दिवाली के बाद अलवर से प्याज की आवक होती है, बारिश ज्यादा होने से वहां फसल खराब हो गई है।
समझे प्याज कैसे पहुंच रहा आसमान पर
25 किमी प्रति किलो महंगा हुआ एक हफ्ते में
120 रुपए प्रति किलो तक पहुुंच सकता है आने वाले 15 दिनों में
25 टन आवक कम हो रही है प्याज की
प्रदेश में भी नहीं है अच्छे हालात
—उदयपुर सवीना मंडी में 90 रुपए किलो खुले में बिक रहा प्याज। ज्यादा महंगा होने के कारण बिक्री आधी हुई।—चूरू में थोक भाव 60 से 65 और खुदरा भाव 80 रुपए किलो हैं। —् अलवर फल-सब्जी मंडी में प्रतिदिन 50 हजार से अधिक कट्टों की आवक हो रही है। वहीं जिले से करीब 10 हजार कट्टे दिल्ली में भेजे जा रहे हैं।
—कोटा मंडी में प्याज के दाम 70 से 80 रुपए किलों हैं, जबकि पिछले सीजन 10 रुपए किलो प्याज बिक रहा था।
कहां कितनी रेट
कोटा 60—80झालावाड 60—80 बूंदी 80—100
बारां 80 पाली 90—100
जालोर 90—120 पाली 90—100
जालोर 90—120 सिरोही 80— 100 इधर किसानों के चेहरे पर खुशी अलवर. देशभर में प्याज के बढ़ते दाम से आम आदमी भले ही निराश हो, लेकिन इस साल अलवर जिले में किसानों के घरों में प्याज खुशहाली लेकर आया है। महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में बारिश के कारण प्याज की फसल खराब हो जाने से अलवर के प्याज की मांग बढ़ गई है। ऐसे में अलवर के किसानों को प्याज के भरपूर दाम मिल रहे हैं।
इन दिनों अलवर फल-सब्जी मंडी में प्रतिदिन 50 हजार से अधिक कट्टों की आवक हो रही है। वहीं जिले से करीब 10 हजार कट्टे दिल्ली में भी बिकने के लिए जा रहे हैं।