असल में राजस्थान से जा रहे प्रवासी मजदूरों से रेल और बस से किराया लिया जा रहा था। जिसे भाजपा ने मुददा बना लिया था। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी राज्यों की प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को निर्देश दिए थे कि वे प्रवासी मजदूरों के किराए का खर्च खुद उठाएं। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी कलक्टरों को निर्देश दिए थे। निर्देशो के बाद मुख्य सचिव ने ये आदेश जारी किए हैं।
गृह विभाग ने भी पहले ही इस व्यवस्था के लिए फंड कलक्टरों को दे दिया था। लेकिन विपक्ष के द्वारा मुददा बनाए जाने के बाद राज्य सरकार हरकत में आई और फिर अब प्रवासी मजदूरों को निशुल्क रोडवेज की बसों से भेजा जा रहा है।