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जयपुर

डेयरी टैंकर से पंप चलाकर निकालते थे दूध, ऐसा तरीका देख पुलिस टीम भी रह गई दंग

Milk Theft: जयपुर दिल्ली हाईवे ( Jaipur Delhi Highway ) पर लखेर स्थित होटल एंड ढाबा के पास दूध के टैंकरों से दूध ( Milk Theft ) निकालकर पानी व केमिकल मिलावट का खेल एक माह से चल रहा था। जयपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक शंकरदत्त शर्मा की टीम ने दूध की इस कालाबाजारी को उजागर किया। पुलिस टीम उस समय दंग रह गई, जब मौके पर पंप मशीन के जरिए सील पैक टैंकरों से दूध प्लास्टिक के ड्रमों में भरा जा रहा था…

जयपुरNov 01, 2019 / 08:52 am

dinesh

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जयपुर/चन्दवाजी। जयपुर दिल्ली हाईवे ( Jaipur Delhi Highway ) पर लखेर स्थित होटल एंड ढाबा के पास दूध के टैंकरों से दूध ( Milk Theft ) निकालकर पानी व केमिकल मिलावट का खेल एक माह से चल रहा था। जयपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक शंकरदत्त शर्मा की टीम ने दूध की इस कालाबाजारी को उजागर किया। पुलिस टीम उस समय दंग रह गई, जब मौके पर पंप मशीन के जरिए सील पैक टैंकरों से दूध प्लास्टिक के ड्रमों में भरा जा रहा था। दूध कालाबाजारी का सरगना जयपुर ग्रामीण के अमरसर थाने का हिस्ट्रीशीटर सुरेन्द्र दादरवाल है।
चौमूं के जैतपुरा स्थित पायस डेयरी से उत्तर प्रदेश जाने वाले दूध के टैंकर से चुराया दूध मावा भट्टियों, होटलों, ढाबों और डेयरियों में सप्लाई किया जाता था। जबकि चुराए गए दूध की मात्रा में केमिकल और पानी मिलाकर पूर्ति की जाती। मामले में टैंकर चालक अजमेर निवासी लेखराज जाट, जगतपुरा (अमरसर) निवासी बाबूलाल सैनी तथा सुरेंद्र सैनी व करीरी निवासी कालूराम यादव को गिरफ्तार किया है। एसपी शर्मा ने बताया कि दूध चोरी के लिए एक ढाबा मालिक को प्रति माह 10 हजार रुपए देते थे। करीब 8 साल से दूध चोरी का खेल चल रहा था। करोड़ों का वारा न्यारा किए जाने की आशंका है।
20 मिनट में हू-ब-हू सील
गिरोह के लोगों दूध चोरी के लिए टैंकर की सील तोडऩे और उससे पंप के जरिए 5 से 10 हजार लीटर दूध निकालने के बाद हूबहू दूसरी सील लगाने में 20 से 30 मिनट का समय लगाते थे। चोरी का दूध ड्रम और अन्य छोटे टैंकरों में भरकर सप्लाई करते थे।
जीपीएस भी कर देते थे बंद
टैंकरों पर निगरानी रखने के लिए जीपीएस सिस्टम लगा रखा है। टैंकर चालक गिरोह के लोगों के साथ मिलकर जीपीएस सिस्टम को तोड़ देते हैं। लेकिन जीपीएस से टैंकरों पर निगरानी रखने वाले लोग भी संदेह के घेरे में हैं। टैंकर चालक को 20 से 40 रुपए लीटर तक मिलते थे।
मोटरसाइकिल से रैकी करते थे
हाईवे पर बंद पड़े होटल-ढाबों के पीछे बदमाश ठिकाने बनाते हैं। दूध निकालने और दूसरे वाहन में भरकर ले जाने तक की अवधि के दौरान इनके साथी हाइवे पर पुलिस की गतिविधियों पर मोटरसाइकिल द्वारा निगरानी रखते थे। पुलिस की गाड़ी हआते ही सावधान कर देते थे।

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