याचिकाकर्ताओं का कहना था कि ईडी और एसीबी के दोनों मामले ईडी कोर्ट जयपुर में चल रहे हैं। २१ सितंबर,२०१९ को तारीख पेशी पर उन्होंने बीमारी के दस्तावेज पेश कर हाजिरी माफी मांगी थी। लेकिन कोर्ट ने दस्तावेजों के आधार पर बीमार होने या नहीं होने के बिंदू को तय नहीं किया उल्टे ईडी के मामले में गैर-जमानती वारंट की पालना में पेश नहीं होने के आधार पर एसीबी के मामले में जमानत रद्द करते हुए हाजिरी माफी की अर्जी खारिज कर दी। जबकि २१ सितंबर को एसीबी की ओर से सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश होने के लिए तारीख पेशी तय थी और हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जोधपुर ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश करने पर रोक लगा रखी है। एेसे में उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति की कोई आवश्यकता नहीं थी। कोर्ट ने निचली कोर्ट के दोनों आदेश रद्द करते हुए कहा है कि ईडी और एसीबी के मामले अलग-अलग हैं। ई्रडी वाले केस में गैर-जमानती वारंट जारी होने और पालना नहीं होने के आधार पर एसीबी वाले केस में जमानतें रदद नहीं हो सकती।