जयपुर में अभी केवल 14 फीसदी पात्र व्यक्ति ही इस योजना का लाभ ले रहे हैं जबकि 53 फीसदी लोगों को इस योजना का लाभ मिल सकता है। ये कहना है खाद्य आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा का। मीणा सोमवार को जयपुर कलेक्ट्रेट में खाद्य विभाग की योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।
बैठक में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, मुख्य सचेतक महेश जोशी, विधायक गोपाल मीणा, लक्ष्मण मीणा, इंद्रराज गुर्जर, जिला प्रमुखमूलचंद मीणा भी शामिल हुए। खाद्य आपूर्ति मंत्री ने उपखंड स्तर पर नए पात्र लोगों के नाम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ने संबंधित अपीलों के निस्तारण, अपात्रों के नाम हटाए जाने, रसद अधिकारियों की ओर से राशन की दुकानों की जांच, अनुकम्पा नियुक्ति के तहत राशन दुकानों के आवंटन की स्थिति, खाद्यान्न माहवार आवंटन एवं उठाव की स्थिति, खाद्यान चीनी एवं केरोसीन तेल के वितरण की स्थिति की समीक्षा की।
मीणा ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना आर्थिक रूप से पिछड़े, जरूरतमंद व्यक्ति से जुड़ी योजना है, इसे लेकर हर अधिकारी को संवेदनशील होना चाहिए। राज्य सरकार हर पात्र को इसका लाभ देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसमें किसी प्रकार की कोताही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि जयपुर के शहरी क्षेत्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में मात्र 14.38 पात्र व्यक्तियों को गेहूं का वितरण किया जा रहा है, जबकि नियमों के मुताबिक शहरी क्षेत्र में 53 प्रतिशत पात्र परिवारों को गेहूं आवंटित किया जा सकता है।
इस स्थिति में सुधार के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि निगम की ओर से 15 अगस्त 2009 तक किए गए सर्वे की सूची के अनुसार स्ट्रीट वेंडर्स, निर्माण श्रमिकों अन्य गरीब एवं अनाज लेने के इच्छुक पात्र व्यक्तियों को इससे जोड़ा जाना चाहिए। विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने भी शहरी क्षेत्र में योजना में पात्रों को जोड़ने के लिए मासिक लक्ष्य निर्धारित किए जाने की आवश्यकता बताई।