रेनवाल थाने के कांस्टेबल सुरेन्द्र सिंह ने याचिका दायर कर कहा कि किसी आपराधिक मामले में 90 दिन की अवधि में कोर्ट में चार्जशीट पेश नहीं की। जिस पर कोर्ट ने एक नवंबर 2014 के आदेश से आईओ और एसएचओ को दोषी माना था। लेकिन आला अफसरों ने इस मामले में रेनवाल पुलिस थाने में कांस्टेबल पद पर कार्यरत याचिकाकर्ता कांस्टेबल को ही नियम 17 के तहत चार्जशीट दे दी। अधिकारियों का कहना था कि उसने उन्हें समय पर चार्जशीट पेश करने के लिए ध्यान नहीं दिलाया। इस पर कांसटेबल ने डीजीपी के पास प्रार्थना पत्र देकर चार्जशीट वापस लेने की गुहार की। जिस पर कांस्टेबल को परिनिंदा का दंड दिया गया। कांस्टेबल ने याचिका में कहा कि उसके खिलाफ कोई जांच नहीं हुई है और बिना गलती के सजा दी गई है। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद नोटिस जारी करते हुए कहा कि कांस्टेबल की पदोन्नति में परिनिंदा की सजा बाधा नहीं बनेगी।